
सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी (SPPU) में पत्रकारिता के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों के लिए पुणे स्थित RSS दफ्तर में आयोजित कार्यशाला को लेकर विवाद हो गया है. एक दिन की इस कार्यशाला का विषय था- 'RSS को जानिए.'
कांग्रेस के छात्र संगठन NSUI और NCP के छात्र विंग से जुड़े कुछ छात्रों ने एक दिन की इस कार्यशाला पर आपत्ति जताई है. इन छात्रों का सवाल था कि आखिर RSS दफ्तर में ऐसी कार्यशाला कराने की जरूरत क्या थी? NCP छात्र विंग से जुड़े आकाश जाम्बरे ने कहा, 'ऐसी विचारधारा पर कार्यशाला आधिकारिक टाइम टेबल में स्थान पाने योग्य नहीं है जिसकी विभिन्न स्तरों पर आलोचना की जाती रही है.'
NCP सांसद सुप्रिया सुले ने ट्वीट कर इस कार्यशाला पर सवाल उठाया है. सुले ने लिखा है- 'किसका ये विचार था? RSS कार्यशाला में छात्रों को भेजने की जरूरत क्या थी? SPPU को इस पर सफाई देनी चाहिए.'
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SPPU के संचार और पत्रकारिता विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ संजय ताम्बट ने इंडिया टुडे को बताया, 'हमें विश्व संवाद केंद्र की ओर से अंतिम वर्ष के छात्रों को कार्यशाला में भेजने के लिए न्योता मिला था. हमने इस पर छात्रों के साथ विमर्श किया और नोटिस निकाला. लेकिन छात्र संघ को इस पर आपत्ति थी और SPPU प्रशासन ने इसे रद्द करने के लिए कहा तो हमने रनाडे इंस्टीट्यूट में इस व्याख्यान को रखने का फैसला किया.'डॉ ताम्बट के मुताबिक पूरे सेमेस्टर के दौरान पत्रकारिता के छात्रों को विभिन्न व्याख्यानों और कार्यशालाओं में भेजा जाता है. फिलहाल एक स्टडी टूर रानाडे इंस्टीट्यूट के छात्रों के साथ दिल्ली में है. ये विभिन्न जगहों के साथ संसद में भी जाएगा. हम अपने छात्रों को शाहीन बाग भी ले गए ताकि वो वहां प्रदर्शनकारी लोगों के विचारों और समस्याओं को समझ सकें. क्योंकि हम समझते हैं कि पत्रकारिता के छात्रों को मास कम्युनिकेशन के फील्ड में उतरने से पहले विभिन्न विचारधाराओं की स्पष्ट समझ होनी चाहिए.
इंडिया टुडे ने इस मुद्दे पर विश्व संवाद केंद्र के संयोजक मनोहर कुलकर्णी से बात की. ये केंद्र RSS का प्रकाशन गृह है. कुलकर्णी ने कहा कि ये तीसरा साल है जब इस तरह की कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसके तहत हमने 15 पत्रकारिता संस्थानों को अपने छात्रों को RSS के पुणे स्थित दफ्तर भेजने के लिए न्योता दिया. हमने सिर्फ न्योता दिया, ये नहीं कहा कि वो अनिवार्य रूप से अपने छात्रों को भेजें.
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'RSS को जानिए' का उद्देश्य पत्रकारिता के छात्रों और कार्यरत पत्रकारों को RSS के इतिहास, विभिन्न पदों और उन पदाधिकारियों की जिम्मेदारियों के बारे में जानकारी देना है. पहले भी SPPU ने इस कार्यशाला में शिरकत की है इसलिए इसको अधिक तूल दिए जाने की आवश्यकता नहीं है. रानाडे इंस्टीट्यूट ने इसे वैकल्पिक रखा हुआ है पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं बनाया है.