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नेताजी से जुड़े ये रहस्य जगजाहिर, कुछ से अभी भी पर्दा उठना बाकी

नेताजी की आज जयंती है. आजादी के आंदोलन में उनके योगदान को देश कभी नहीं भूला सकता, पर उनके मौत के रहस्य का रहस्य आज भी बरकरार है. जानें अब तक कितने विवाद रहे और कितने दावे किए गए...

उलझा हुआ है नेताजी की मौत का रहस्य उलझा हुआ है नेताजी की मौत का रहस्य
साकेत सिंह बघेल
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  • 23 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 6:59 PM IST

आज देश के सबसे क्रांतिकारी नेता और नायक नेताजी सुभाषचंद्र बोस का जन्मदिन है, उनके मौत का रहस्य उनके चले जाने के 70 साल बाद भी रहस्य बना हुआ है. बहुत सी कमेटियां आईं, अपनी रिपोर्ट दीं, पर असल सच्चाई सामने नहीं आ सकी. प्रधानमंत्री बदलते रहे पर रहस्य पर से पर्दा न उठ सका. यकीनन केंद्र सरकार की तरफ से फाइल सामने के बाद उनके मौत की सच्चाई सामने आ सकती है. नेताजी से जुड़े रहस्य और उनकी सच्चाई...

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क्या 1945 के बाद भी जिंदा थे नेताजी:
नेताजी से जुड़ी 64 अति गोपनीय फाइलों को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी द्वारा सार्वजनिक करने के बाद ये माना जा रहा है कि नेताजी 1945 के बाद भी जीवित थे. तो ये प्रश्न उठता है कि क्या 18 अगस्त 1945 को एक विमान हादसे में उनकी मौत की बात झूठी थी.

कमिटियां और प्रधानमंत्री:
नेताजी की रहस्यमयी मौत की गुत्थी सुलझाने के लिए अब तक तीन कमिटियां बनाई जा चुकी हैं. पहली- शाहनवाज कमेटी 1956 में जिसे जवाहरलाल नेहरु ने गठित की थी, दूसरी जीडी खोसला कमीशन 1970 में जिसे इंदिरा गांधी ने बनवाया था और तीसरी एन एम मुखर्जी कमीशन 1999 में जिसे जिसका गठन अटलविहारी वाजपेयी ने किया था. खोसला कमीशन ने बताया कि नेताजी की विमान हादसे में मौत हो गई थी वहीं मुखर्जी कमीशन ने विमान हादसे से मौत की संभावनाओं से इंकार कर दिया था.

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बीजेपी लीडर स्वामी का दावा
बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी नेहरु के स्टेनोग्राफर का 1970 में खोसला आयोग के समक्ष दिए हुए हवाले से कहते हैं कि जैन ने कबूल किया था कि उन्होंने एक पत्र टाइप किया था. जो नेहरु ने 1945 में स्टालिन को भेजा था. जिसमें वो नेताजी को बंधक बनाए जाने की बात को स्वीकारते हैं. बीजेपी नेता का दावा है कि विमान हादसा झूठा था. बोस ने सोवियत संघ की शरण ली थी जहां उन्हें कैद कर लिया गया था और बाद में स्टालिन ने मार दिया गया था.

 

क्या कहते हैं पत्रकार-लेखक अनुज धर:
नेताजी के मौत के रहस्य पर चार किताबें लिख चुके और मिशन नेताजी एनजीओ के संस्थापक अनुज धर का कहना है कि कांग्रेस और कांग्रेस का एक बंगाली नेता दोनों नहीं चाहते कि नेताजी के बारे में रहस्यों से परदा उठॆ. अनुज ने अपने किताबों में ताइवान सरकार के हवाले से ये दावा किया था कि 15 अगस्त से 5 सितंबर 1945 के दौरान कोई विमान हादसा ही नहीं हुआ था. अनुज का दावा अमेरिकी खुफिया की एजेंसी सीआईए की रिपोर्ट से भी मेल खाता है.

सुभाषचंद्र बोस के निजी गनमैन का दावा
नेताजी के निजी गनमैन रहे जगराम ये दावा करते हैं कि नेताजी की विमान दुर्घटना में मौत नहीं हुई थी , उनकी हत्या करवाई गई होगी. उनका कहना था कि अगर विमान हादसे में नेताजी की मौत हो जाती तो कर्नल हबीबुर्रहमान कैसे बच जाते जो उनके साथ दिन-रात साये की तरह रहते थे.

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नेताजी की परपोती राज्यश्री चौधरी का दावा
सुश्री चौधरी का कहना है कि अगर मुखर्जी कमीशन को बिना संपादित किए संसद में रख दिया जाए तो सच सामने आ जाएगा. तथ्यों के हवाले से चौधरी ने दावा किया था कि नेहरु ने कुर्सी के लालच में स्टालिन के जरिए नेताजी को मरवाया.

बोसफाइल्स डॉट इनफो ने दी विमान हादसे और उसके बाद की जानकारी:
बोसफाइल्स डाट इनफो ने दस्तावेजों को आधार रखकर बताया कि 18 अगस्त 1945 की सुबह एक जापानी एयरफोर्स ने उड़ान भरी जिसमें नेताजी सवार थे. चश्मदीदों के अनुसार विमान के थोड़ी सी उंचाई पर पहुंचते ही इंजन में किसी गड़बड़ी के चलते वो ब्लास्ट हो गया. विमान रनवे पर ही गिरा जिससे नेताजी शरीर पर आग के साथ बाहर निकले. उनकी हालत काफी गंभीर थी. फिर उन्हें गंभीर हालत में ही नैनमौन अस्पताल में भर्ती कराया गया.
उसके बाद 1945 और 1946 में ब्रिटिश सरकार ने नेताजी की खोज की पर वो भी विमान क्रैश वाले निष्कर्ष के साथ ही लौटे. 1946 में ही भारत के फ्री प्रेस जर्नल अखबार के हरीन शाह खोजबीन के लिए निकले पर विमान हादसे की खबर के साथ ही उन्हें लौटना पड़ा.

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