
देश की सबसे चर्चित मर्डर मिस्ट्री शीना मर्डर केस में एक नया खुलासा हुआ है. मुंबई पुलिस के एक इंस्पेक्टर ने दावा किया है कि 2012 में रायगढ़ के जंगल से जब शीना का अधजला शव मिला था, तो उस समय एक बड़े अफसर ने मर्डर की FIR दर्ज करने से मना कर दिया था. पुलिस इंस्पेक्टर सुभाष मिर्गे ने यह आरोप रायगढ़ के तात्कालिक एसपी आरडी शिंदे पर लगाया है.
सुभाष मिर्गे उस वक्त इस केस के जांच अधिकारी थे. उन्होंने कहा कि लाश मिलने के बाद वह पंचनामा भरने लगे. वह मर्डर का केस फाइल करना चाहते थे, लेकिन एसपी शिंदे ने FIR फाइल करने से मना कर दिया. इसके बाद थाने के रजिस्टर में एंट्री करके शव के अवशेष को वहीं दफना दिया गया, जहां से उसे बरामद किया गया था. मुर्गे का यह बयान केस के सिलसिले में दर्ज किया गया है.
आरडी शिंदे इस समय मुंबई में एडिशनल कमिश्नर के तौर पर तैनात हैं. उन्होंने मिर्गे के दावे पर कहा कि उन्होंने इस मामले में पूरी कागजी कार्यवाही की थी. इससे संबंधित बयान वह संबंधित अफसरों के सामने दर्ज कराएंगे. शीना का शव मिलने के बाद पुलिस की ओर से की गई चूक की जांच की जा रही है. मामले की रिपोर्ट मुंबई पुलिस ने डीजी संजीव दयाल के पास जा चुकी है.
बताते चलें कि शीना मर्डर केस में मुख्य आरोपी उसकी मां इंद्राणी मुखर्जी, सौतेले पिता संजीव खन्ना और एक ड्राइवर श्यामवर राय इन दिनों जेल में बंद हैं. उन पर शीना का मर्डर करने और उसे दफनाने का आरोप है. पुलिस के मुताबिक, तीनों ने मिलकर 24 अप्रैल, 2012 को शीना बोरा की हत्या कर दी. उसके बाद उसका शव को रायगढ़ के पेन जंगल में दफना दिया था.