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कोरोना महामारी ने किया कबूतर बाजी के धंधे का खुलासा, 300 FIR दर्ज

कबूतर बाजी के शिकार लोगों की संख्या बढ़ने के बाद राज्य सरकार ने एक एसआईटी का गठन किया है जो इन मामलों की गहनता से छानबीन कर रही है.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
मनजीत सहगल
  • चंडीगढ़,
  • 25 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 3:29 PM IST

  • अमेरिका से डिपोर्ट किए गए लोगों के भारत पहुंचने पर हुआ खुलासा
  • मामला उजागर करने के लिए गठित की गई एसआईटी कर रही है जांच

कोरोना वायरस महामारी फैलने के बाद हरियाणा में कबूतर बाजी का काला धंधा भी उजागर हुआ है. अब तक माना जाता था कि यह धंधा सिर्फ पंजाब तक सीमित है लेकिन विदेशों, खासकर अमेरिका से डिपोर्ट किए गए लोगों ने भारत पहुंचने पर ट्रैवल एजेंटों द्वारा की गई धोखाधड़ी के कई मामले उजागर किए हैं. शिकायतें मिलने के बाद हरियाणा में कबूतरबाजों पर नकेल कसी जा रही है.

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हाल ही में ट्रैवल एजेंट्स की ठगी का शिकार हुए लोगों की शिकायत के आधार पर लगभग 300 एफआईआर दर्ज की गई हैं. हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज के मुताबिक, जब कोरोना काल में अचानक अमेरिका से लोगों को रिपोर्ट किया जाने लगा तो इस बात का खुलासा हुआ कि रिपोर्ट किए गए ज्यादातर लोग कबूतरबाजी का शिकार हैं और अमेरिका की जेलों में बंद थे.

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अनिल विज ने कहा कि कोरोना काल के दौरान अमेरिका से दर्जनों युवक डिपोर्ट किए गए. इनमें से काफी लोग हरियाणा के भी थे. मैंने आदेश दिए थे कि यह पता लगाया जाए कि यह लोग अमेरिका में किस जुर्म में जेल में बंद थे. जांच में पता चला कि ज्यादातर लोग गैरकानूनी तरीके से अमेरिका पहुंचे थे.'

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उन्होंने कहा कि जैसे ही मामला उनके संज्ञान में आया उन्होंने तुरंत प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए. पुलिस अधिकारियों को कहा गया कि जिन लोगों को गैरकानूनी तरीके से विदेश भेजा गया है उनके आंकड़े जुटाए जाएं.

कबूतर बाजी के मामले बढ़ने के बाद गठित की गई एसआईटी

अनिल विज ने कहा कि कबूतर बाजी के शिकार लोगों की संख्या बढ़ने के बाद राज्य सरकार ने एक एसआईटी का गठन किया है जो इन मामलों की गहनता से छानबीन कर रही है. पहले कुछ मामले ही सामने आए थे लेकिन जैसे ही जेल में बंद लोग ज्यादा संख्या में स्वदेश लौटने लगे. हमने मामले की गंभीरता को देखते हुए एसआईटी गठित करने का फैसला किया.

हरियाणा में कबूतर बाजी की जांच कर रही एसआईटी आईपीएस भारती अरोड़ा की अध्यक्षता में गठित की गई है. इस एसआईटी में आधा दर्जन एसपी लेवल के अधिकारी भी शामिल हैं. इस टीम को नए पुराने सभी केस को इन्वेस्टिगेट करने को कहा गया है.

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अनिल विज ने कहा कि कबूतर बाजी के धंधे में लिप्त लोगों के पर कुतरने के लिए जरूरी था कि एक इन मामलों की गहनता से छानबीन की जाए. अब तक लगभग 300 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं. काफी पैसा वसूल भी किया जा चुका है जिसे लोगों को वापस किया जाएगा.

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