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जयपुर में फिर तेजी से पांव पसार रहा कोरोना, रामगंज में मिले 80 नए पॉजिटिव केस

कुछ दिन से ऐसा लगने लगा था कि जयपुर में अब कोरोना के मामले कम होने लगे हैं, लेकिन एक बार फिर इसमें तेजी दिखने लगी है. पिछले 24 घंटे में जयपुर में कोरोना के करीब 100 से ज्यादा मामले सामने आए हैं. इनमें से केवल रामगंज और उसके आसपास के इलाके के 80 से ज्यादा मामले हैं.

सांकेतिक तस्वीर (PTI) सांकेतिक तस्वीर (PTI)
शरत कुमार
  • जयपुर,
  • 23 अप्रैल 2020,
  • अपडेटेड 7:29 PM IST

  • बिना लक्षण वाले मरीज में देखी जा रही तेजी
  • राजस्थान में 90 कोरोना वॉरियर्स भी संक्रमित

जयपुर में कोरोना वायरस एक बार फिर से तेजी से अपना पैर पसारने लगा है. पिछले 24 घंटे में केवल रामगंज में कोरोना के 80 मामले सामने आ चुके हैं. जयपुर में कोरोना के कुल मामले करीब साढ़े सात सौ के आसपास आ गए हैं, जबकि राजस्थान में आंकड़ा करीब 1900 के पार पहुंच गया है. राजस्थान में अब तक 90 कोरोना वॉरियर्स कोरोना पॉजिटिव पाए जा चुके हैं.

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कुछ दिन से ऐसा लगने लगा था कि जयपुर में अब कोरोना के मामले कम होने लगे हैं, लेकिन एक बार फिर इसमें तेजी दिखने लगी है. पिछले 24 घंटे में सिर्फ जयपुर में कोरोना के करीब 100 से ज्यादा मामले सामने आए हैं. इनमें से केवल रामगंज और उसके आसपास के इलाके के 80 से ज्यादा मामले हैं. तमाम सख्ती के बावजूद इन इलाकों में हालात सुधर नहीं रहे हैं. सरकार का कहना है कि पुरानी जांच के रिजल्ट अब तेजी से आ रहे हैं, इसलिए आंकड़े दिख रहे हैं.

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जयपुर के अलावा जोधपुर में कोरोना के मामले करीब तीन सौ के आसपास पहुंच गए हैं, जबकि भरतपुर, टोंक और कोटा में यह आंकड़ा 100 पार कर गया है. राजस्थान में हालांकि जांच की संख्या करीब 70 हजार के आसपास हो गई है और मरने वालों की संख्या बाकी राज्यों से कम है. 1. 42 फीसद की दर से अब तक 27 लोगों की मौत हुई है. राजस्थान के लिए सबसे बड़ी समस्या यह है कि डॉक्टर और पुलिसकर्मी बड़ी संख्या में कोरोना पॉजिटिव होते जा रहे हैं. अकेले सवाई मानसिंह अस्पताल के 12 डॉक्टर अब तक कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं.

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अब पूरे राजस्थान में आशा वर्कर्स, कंपाउंडर, वार्ड बॉय, एंबुलेंस चालक, पुलिसकर्मी समेत 90 कोरोना वायरस के पॉजिटिव पाए जा चुके हैं. सवाई मानसिंह अस्पताल के आईसीयू में भर्ती एक लड़के के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद सरकार ने तय किया है कि अब जो भी ऑपरेशन के लिए मरीज आएगा, उसका पहले कोरोना वायरस टेस्ट होगा. ऐसा इसलिए किया जाएगा ताकि डॉक्टरों को संक्रमण से बचाया जा सके. सरकार की दूसरी बड़ी परेशानी उन मरीजों से है जिनमें कोई लक्षण नहीं पाए जा रहे हैं. प्रदेश में अब तक ऐसे 460 मरीज मिल चुके हैं.

(गोपाल गुप्ता के इनपुट के साथ)

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