
सरकारी विभाग में रहकर भ्रष्टाचार करना 108 अधिकारियों को भारी पड़ा है. दिल्ली के उपराज्यपाल ने अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए इन सरकारी अधिकारियों को पेंशन रूल्स के 56j के तहत अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी है.
दरअसल, बीते दिनों दिल्ली के उपराज्यपाल ने रिव्यू कमेटी बनाई थी. ये रिव्यू कमेटी दिल्ली सरकार, दिल्ली नगर निगम और दिल्ली में काम कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों को लेकर थी. कई स्तर की लिस्ट बनने और बार-बार कई स्तरीय जांच होने के बाद 31 अक्टूबर 2019 तक 108 अधिकारियों को कंपलसरी रिटायरमेंट दे दिया है.
जानिए कौन से विभाग के हैं यह अधिकारी?
दरअसल, यह अधिकारी दिल्ली विकास प्राधिकरण यानी डीडीए, दिल्ली की तीनों ही नगर निगम, सर्विस डिपार्टमेंट और दिल्ली सरकार के विभाग और ऑटोनॉमस बॉडी के हैं. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि रूल 56j के तहत जांच एक कंटीन्यूअस प्रोसेस है जो लगातार सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए जारी रहेगी.
लिस्ट में शामिल ये अधिकारी
दिल्ली विकास प्राधिकरण के 14 अफसर, नॉर्थ एमसीडी के 39, साउथ एमसीडी के 15, ईस्ट एमसीडी के 7, डीएसआईडीसी के 1, दिल्ली जल बोर्ड के साथ और डूसिब के चार अधिकारियों को इस लिस्ट में रखा गया है. ऐसे में ग्रुप ए के कुल 13 ग्रुप बी के 71 और ग्रुप सी के 24 अधिकारियों पर यह कार्रवाई की गई है.
बताया जा रहा है दिल्ली नगर निगम के जिन अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है उनमें से 90 फीसदी सिविल विभाग में इंजीनियर है.