
आईएनए से आश्रम तक बने करीब छह किलोमीटर लंबे कुशक नाले की साफ-सफाई मामले में हाईकोर्ट ने पीडब्ल्यूडी के प्रधान सचिव को तलब किया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए मामले में कहा कि पीडब्ल्यूडी सेक्रेटरी बताएं कि क्यों न उन पर अवमानना की कार्रवाई की जाए. सेक्रेटरी को मामले की अगली सुनवाई 8 नवंबर को हाइकोर्ट में पेश होना है.
कोर्ट के कई सख्त निर्देश और आदेशों के बावजूद सिविक एजेंसियां नाला साफ नहीं कर पाई हैं. इसीलिए मई में कोर्ट ने नाले के आसपास चल रहे बारापुला एलिवेटिड रोक के काम पर रोक लगा दी थी. शुक्रवार को पीडब्ल्यूडी ने हाईकोर्ट में एक नई अर्जी लगाई और कहा कि मानसून दिल्ली मे ख़त्म हो चुका है, लिहाज़ा बारापुला फ्लाईओवर मे सेवा नगर क्रासिंग के पास काम शुरू करने की इजाज़त दी जाए.
पीडब्ल्यूडी ने मामले में जल्द सुनवाई के लिए भी कोर्ट से आग्रह किया, लेकिन नाराज कोर्ट ने जल्द सुनवाई की पीडब्ल्यूडी की मांग को ठुकरा दिया और चीफ सेक्रेटरी को ही अगली तारीख पर तलब कर लिया.
विभाग का तर्क था कि बरसात के मौसम के चलते काम रोक गया था. काम में देरी हो रही है, ऐसे में उन्हें काम शुरू करने की अनुमति दी जाए. ये प्रोजेक्ट 2013 मे शुरू हुआ था और 2015 तक पूरा होना था, लेकिन 2 साल मे पूरा होने वाला प्रोजेक्ट 4 साल बाद भी अधूरा है. साथ ही फ्लाईओवर के नीच के कुशक नाले की सफ़ाई का काम भी पूरा नही हो पाया है.
याचिका लगाने वाले साउथ एक्सटेंशन आरडब्ल्यूए उपाध्यक्ष मंजीत सिंह चुग ने कोर्ट मे दावा किया कि विभाग ने नाला साफ नहीं किया. बारापुला प्रोजेक्ट का काम चल रहा है, जिससे गंदे पानी और कंस्ट्रक्शन के कूड़े से लोगों को परेशानी होती है. शुक्रवार को भी याची ने कोर्ट के सामने मौके की फोटो पेश की, जिसमें नाले के आसपास मलबा औऱ गंदगी पड़ी थी.