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IPL-6 स्पॉट फिक्सिंग केस में अदालत सोमवार को तय कर सकती है आरोप

दिल्ली की अदालत द्वारा सोमवार को आईपीएल छह स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण में आरोप तय करने संबंधी आदेश देने की उम्मीद है. इस मामले में निलंबित क्रिकेटर एस श्रीसंत, अजित चंदीला और अंकित चव्हाण के अलावा अन्य लोग आरोपी है.

पुलिस की गिरफ्त में खड़े आरोपी (फाइल फोटो) पुलिस की गिरफ्त में खड़े आरोपी (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 जून 2015,
  • अपडेटेड 8:06 PM IST

दिल्ली की अदालत द्वारा सोमवार को IPL-6 स्पॉट फिक्सिंग केस में आरोप तय करने के बारे में आदेश देने की उम्मीद है. इस मामले में निलंबित क्रिकेटर एस श्रीसंत, अजित चंदीला और अंकित चव्हाण के अलावा अन्य लोग आरोपी हैं, जिनमें अंडरवर्ल्ड डान दाऊद इब्राहिम और उसका सहयोगी छोटा शकील भी शामिल है.

अदालत ने इसके लिए 29 जून की तारीख दी थी
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नीना बंसल कृष्णा ने 23 मई को इस मामले में आरोप तय करने को लेकर सोमवार 29 जून का दिन आरक्षित किया था और आरोपियों की ओर से पेश हो रहे वकीलों को छह जून तक लिखित में अपना पक्ष रखने को कहा था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अपने आरोप पत्र में छह भगोड़ों समेत कुल 42 लोगों को आरोपी बनाया था. हालांकि अदालत ने इस मामले में पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए कहा था कि प्रथम दृष्टया कोई साक्ष्य ऐसा नहीं दर्शाता कि आरोपियों ने मैच फिक्स किए.

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पुलिस के दावों से अदालत सहमत नहीं
इस मामले में आरोप तय करने को लेकर हुई जिरह के दौरान पुलिस ने आरोपियों के मैच फिक्सिंग और सट्टेबाजी में शामिल होने के अपने दावे को पुख्ता करने के लिए आरोपियों के बीच टेलीफोन पर बातचीत का संदर्भ दिया था. इसके साथ ही आरोप लगाया गया था कि टेलीफोन पर हुए कॉल रिकार्ड आरोपियों के बीच संबंध की ओर इशारा करते हैं. इस बीच आरोपियों का प्रतिनिधित्व कर रहे वकीलों ने पुलिस के दावे पर कहा था कि जांच में पहली नजर में उनके मुवक्किलों के द्वारा कोई अपराध साबित नहीं होता.

दाउद और छोटा शकील हैं घोषित अपराधी
बचाव पक्ष के वकील ने साथ ही कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा कोई सबूत नजर नहीं आता जिनके आधार पर इस मामले में आरोप तय किए जाएं. अदालत ने इससे पहले दाउद और छोटा शकील को घोषित अपराधी बताया था क्योंकि वे इस मामले में गिरफ्तारी से बच रहे हैं. पुलिस ने अदालत से कहा कि मुंबई में दाउद और शकील की संपत्तियों को पहले ही 1993 के मुंबई सिलसिलेवार धमाकों के संबंध में कुर्क किया जा चुका है और ये दोनों 1993 के बाद भारत नहीं आए हैं.

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इनपुट: भाषा

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