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IPL स्पॉट फिक्सिंगः धोनी पर शक गहराया, मुद्गल रिपोर्ट में नाम शामिल!

टीम इंडिया के कैप्टन कूल एम एस धोनी भी आईपीएल-6 स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी कांड में नप सकते हैं. एन श्रीनिवासन के दामाद और इस कांड में मुख्य आरोपी गुरुनाथ मयप्पन के साथ धोनी रोज होटल के कमरे में जाते थे.

एमएस धोनी एमएस धोनी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 11 दिसंबर 2014,
  • अपडेटेड 5:48 PM IST

टीम इंडिया के कैप्टन कूल एमएस धोनी भी आईपीएल-6 स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी कांड में नप सकते हैं. एन श्रीनिवासन के दामाद और इस कांड में मुख्य आरोपी गुरुनाथ मयप्पन के साथ धोनी रोज होटल के कमरे में जाते थे.

स्पॉट फिक्सिंग मामले की जांच के लिए बनी मुद्गल कमिटी की रिपोर्ट में 'इंडिविजुअल नंबर 2' का जिक्र किया गया है और यह और कोई नहीं बल्कि कप्तान धोनी ही हैं. एक अंग्रेजी अखबार ने यह दावा किया है. गौरतलब है कि 5000 पन्नों की मुद्गल कमिटी की रिपोर्ट अभी तक पब्लिक नहीं हुई है. मुद्गल कमिटी में शामिल क्रिकेटरों के नाम का जिक्र नंबर से किया गया है.

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अंग्रेजी अखबार के मुताबिक जस्टिस मुकुल मुद्गल की ओर से अपॉइंट किए गए जांचकर्ता बीबी मिश्रा की चार महीने लंबी चली जांच की रिपोर्ट में पता चला है कि ‘Individual No 2’ के कमरे में सीधी पहुंच रखने वाला कोई एक शख्स था, जो गुरुनाथ मयप्पन था. धोनी बीसीसीआई की एंटी करप्शन यूनिट की पाबंदियों की वजह से हर रोज सभी से उस होटल के बिजनेस सेंटर में मिलते थे, जहां टीम ठहरी होती थी.

हालांकि, जांचकर्ताओं ने पाया कि मयप्पन धोनी के कमरे तक सीधी पहुंच रखते थे. वह रोजाना, यहां तक कि आईपीएल-6 के मैचों के दौरान भी धोनी से सीधे संपर्क में होते थे.

कई टीम अधिकारी, खिलाड़ी और होटल स्टाफ से पूछताछ के बाद जांचकर्ता इस फैसले पर पहुंचे हैं. मयप्पन की धोनी के कमरे तक सीधी पहुंच सिर्फ इस वजह से थी, क्योंकि उन्हें चेन्नई सुपर किंग्स के मालिक के तौर पर सभी से मिलाया गया था.

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सुप्रीम कोर्ट में आईपीएल फिक्सिंग मामले में चल रही सुनवाई में श्रीनिवासन के वकील ने दलील दी थी कि मयप्पन को सट्‌टेबाजी में बड़ा नुकसान हुआ है. वकील के मुताबिक, 'अगर मयप्पन के पास अंदर की खबर होती तो उन्हें नुकसान नहीं होता.' लेकिन मुदगल कमिटी के लिए जांच करने वाले मिश्रा की रिपोर्ट में पता चला है कि धोनी और मयप्पन रोजाना दो से तीन बार मिलते थे.

मुद्गल कमिटी ने भले ही यह पाया हो कि मयप्पन वास्तव में सीएसके के अधिकारी थे और सट्‌टेबाजी में शामिल थे, श्रीनिवासन और टीम सीएसके ने जोर देकर कहा था कि मयप्पन का टीम के मामलों से कोई मतलब नहीं है और उन्हें टीम स्ट्रैटिजी की कोई जानकारी नहीं है.

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