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जापान का मतलब क्वालिटी! इसलिए भारत ही नहीं, दुनिया भी करती है भरोसा

भारत के लिए जापान और चीन को लेकर रिश्तों में संतुलन से ज्यादा सेफ्टी और टिकाऊपन मायने रखता है. जापान के करीब 50 साल के इतिहास पर नजर डालें तो इनके प्रोड्क्ट्स की वजह से जानलेवा हादसों का रिकॉर्ड जीरो रहा है.

जापान की तकनीक जापान की तकनीक

पीएम नरेंद्र मोदी एक बार फिर जापान दौरे पर हैं. पीएम मोदी बीते शुक्रवार को जापानी पीएम शिंजो एबे से मिले. भारत में 980 अरब रुपये की लागत से पहली बार हाई स्पीड रेल लाइन बनाने के करार के करीब सालभर के भीतर दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की मुलाकात हुई है. वैसे तो एशिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच हाई-स्पीड रेल कॉन्ट्रैक्ट लेने की होड़ मची हुई है. इसमें कभी चीन तो कभी जापान भारी पड़ता है. लेकिन पीएम मोदी ने जापान पर ही भरोसा जताया है. भारत में मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल लाइन पर जापान की शिंकनसेन बुलेट ट्रेन की तकनीक का ही इस्तेमाल होना है.

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जापान से भारत के करार की वजह कूटनीतिक भी ही है, लेकिन जापान के प्रोड्क्ट्स की उम्दा क्वालिटी भी वहां के ब्रांड्स के मशहूर होने का सबसे बड़ा कारण है. भारत के लिए जापान और चीन को लेकर रिश्तों में संतुलन से ज्यादा सेफ्टी और टिकाऊपन मायने रखता है. जापान के करीब 50 साल के इतिहास पर नजर डालें तो इनके प्रोड्क्ट्स की वजह से जानलेवा हादसों का रिकॉर्ड जीरो रहा है. हालांकि जापानी प्रोडक्ट्स की शुरुआती कीमत ज्यादा जरूर होती है लेकिन इनका मेंटनेंस खर्च कम होता है और इनकी लंबी आयु होती है.

'मेड इन जापान' का मतलब

मेड इन जापान वैसे तो एक साधारण सा फ्रेज लगता है लेकिन यह कन्ज्यूमर के दिमाग में एक अनूठे डिजाइन और हाई-क्वालिटी वाले प्रोडक्ट की इमेज बनाता है. जापान आज के दौरान बेहद स्टाइलिश, इनोवेटिव और अद्भुत प्रोडक्ट्स के लिए दुनियाभर में जाना जाता है. वैसे जापान ने दिल्ली में सबवे सिस्टम बनाने के साथ ही भारत में भी अपनी पॉजीटिव इमेज बना ली है. जापान अपनी इस कामयाबी को ग्लोबल टीवी चैनलों पर विज्ञापनों के जरिये भी प्रचारित करता है.

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जापान एक ऐसा देश है जहां का मानव संसाधन हर वक्त कुछ नया करने की सोचता रहता है. खासकर चुनौतियों का सामना करने में इसे मजा आता है. टेक्नोलॉजी की बात करें तो अगर पुराना वर्जन इस्तेमाल के लायक है भी, तो उसका अपडेटेड वर्जन तैयार करने की आदत है. इन्हें पता है कि अगर कोई वाकई इनके प्रोडक्ट्स से खुश है तो उसे लंबे समय तक अपने पास रखेगा, शायद ताउम्र. परमाणु बम का हमला झेलने के बाद आज जापान तरक्की के जिस मुकाम पर खड़ा है, वो दुनिया के सामने मिसाल है. नजर डालते हैं, जापान के ऐसे ही टॉप ब्रांड्स पर जिन्होंने क्वालिटी के दमपर दुनियाभर के बाजारों में अपनी खास जगह बना ली है.

होंडा
ऑटो सेक्टर की बात करें तो इसमें टोयोटा, निसान, होंडा, सुजुकी, मित्सुबिशी जैसे ब्रांड न सिर्फ भारत, बल्कि दुनियाभर में मशहूर हैं. होंडा और सुजुकी के भारतीय कंपनियों से जुड़ाव से बने वाहनों की भारत में भरमार है. होंडा 1959 से ही मोटरसाइकिल बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी बनी हुई है. यह 2001 से ऑटोमोबाइल बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है. होंडा पहली जापानी ऑटोमोबाइल कंपनी है जिसने 1986 में एक्युरा नाम से लग्जरी ब्रांड तैयार किया. ऑटोमोबाइल और मोटरसाइकिल के बिजनेस के अलावा होंडा बागवानी से जुड़े सामान, मरीन इंजन, निजी वाटरक्राफ्ट और पावर जेनरेटर समेत तमाम प्रोडक्ट भी बनाती है. 1986 से यह कंपनी आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस यानी रोबोटिक रिसर्च के काम में जुटी है और 2000 में ASIMO रोबोट तैयार किया. जो दुनिया का सबसे उन्नत मानव रोबोट है.

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सुजुकी
इस कंपनी के फाउंडर मिशियो सुजुकी ने 1909 में सूत कातने वाला करघा बनाने की सुजुकी लूम कंपनी की शुरुआत की थी. दूसरे विश्व युद्ध में सुजुकी के इस बिजनेस पर असर पड़ा तो उन्होंने ऑटोमोटिव प्रोडक्ट्स बनाने की सोची. विश्व युद्ध के बाद सुजुकी ने हायाबुसा और जीएसएक्स-आर नाम से टू-स्ट्रोक मोटर बाइक बनाई. ये बाइक्स रेस के लिए दुनियाभर में मशहूर हैं. हालांकि कंपनी ने 1955 में अपनी पहली कार तैयार कर ली थी लेकिन 1961 तक कंपनी का एक ऑटोमोटिव डिविजन नहीं था. आज सुजुकी दुनिया की सबसे बड़ी ऑटो बनाने वाली कंपनियों में से एक है और भारत और जापान सहित तमाम बड़े बाजारों में बड़ा ब्रांड बन चुका है.

यामाहा
रेसिंग बाइक्स की दुनिया में बड़ा नाम बन चुके यामाहा की कंपनी मोटरसाइकिल और स्कूटर के अलावा मोटराइज्ड बोट, सेल बोट, निजी वाटरक्राफ्ट, यूटिलिटी बोट, फिशिंग बोट और आउटबोर्ड मोटर भी बनाती है. यह कपंनी इलेक्ट्र‍िकल जेनरेटर, वाटर पंप, मानवरहित हेलिकॉप्टर, ह्वीलचेयर, हेलमेट और फोर-व्हीलर ऑल-टेरेन व्हीकल भी बनाती है. 1955 में यामाहा के मोटरसाइकिल डिविजन ने सबसे पहले 125 सीसी की बाइक तैयार किया. यामाहा को होंडा और अन्य बाइक्स से कड़ी टक्कर भी मिली. लेकिन कंपनी तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए आगे बढ़ती गई और रेसिंग बाइक्स की दुनिया में अपनी क्वालिटी का लोहा मनवाया.

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कावासाकी
जापान के मिनाटो शहर में स्थ‍ित यह कंपनी मोटरसाइकिल के अलावा भारी औजार, एयरोस्पेस और डिफेंस से जुड़े सामान बनाती है. यह कंपनी अपने उत्साही वर्कर्स के लिए दुनियाभर में एक मिसाल है. कंपनी का मंत्र है- हम जो कुछ भी करते हैं वो इसलिए करते हैं क्योंकि हम अपने काम से प्यार करते हैं. हम जो बनाते हैं, हम उससे प्यार करते हैं.

कैनन
जापान की यह कंपनी अपने बेहतरीन कैमरे के लिए दुनियाभर में मशहूर है. टोक्यो में स्थ‍ित यह कंपनी कैमकॉर्डर्स, फोटोकॉपी और स्कैन करने वाली मशीन, कम्प्यूटर प्रिंटर और मेडिकल से जुड़े सामान भी बनाती है. 1934 में जापान में Kwanon नाम से 35 मिमी का पहला कैमरा बनाने वाली कंपनी में आज तकरीबन दो लाख लोग काम करते हैं. कंपनी की कुल संपत्त‍ि इस वक्त तकरीबन 4.5 खरब येन है.

Nikon
1917 में इस कंपनी की स्थापना हुई तो इसका नाम था Nippon. यह जापान का भी एक नाम है जिसका मतलब है सूर्य की उत्पत्त‍ि. 1988 में इस कंपनी के कैमरे Nikon के नाम पर इस कंपनी का भी बदलकर Nikon कर दिया गया. Nikon मित्सुबिशी ग्रुप ऑफ कंपनीज का ही एक सदस्य है. कैमरे, दूरबीन, माइक्रोस्कोप बनाने वाली यह कंपनी दूसरे विश्व युद्ध के दौरान सेना के लिए तमाम सामान बनाती थी. उस इसकी 30 फैक्ट्र‍ियां थीं और करीब 2000 कर्मचारी इसमें काम करते थे. आज यह करीब 25 हजार कर्मचारियों वाली कंपनी है और इसकी कुल आमदनी करीब 20 अरब येन है.

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Casio
इलेक्ट्रॉनिक्स सामान के लिए दुनियाभर में मशहूर यह कंपनी कैलकुलेटर, मोबाइल फोन, डिजिटल कैमरा, म्यूजिकल इंस्ट्रुमेंट्स और डिजिटल घड़ियां बनाती है. दुनिया में डिजिटल कैमरे का इजाद करने वाली पहली कंपनियों में कैसियों का भी नाम है. आज इस कंपनी के साथ करीब 12 हजार कर्मचारी जुड़े हैं और कंपनी का कुल राजस्व करीब 340 अरब येन है.

सोनी
इलेक्ट्रॉनिक्स सामान के लिए दुनियाभर में मशहूर सोनी ग्रुप प्लेस्टेशन, एंटरटेनमेंट और फाइनेंसियल सर्विसेज से भी जुड़ा है. कंपनी का मौजूदा स्लोग है - BE MOVED. लेकिन ब्रांड की बात करें तो कंपनी 1972 के बाद से अपना लोगो नहीं बदला है. दूसरे विश्व युद्ध के दौर में शुरू हुई इस कंपनी में आज तकरीबन सवा लाख लोग काम कर रहे हैं. इसकी कुल संपत्त‍ि है 16 खरब येन.

हिताची
'Inspire the Next यानी दूसरों को प्रेरित करें' के सिद्धांत पर काम करने वाली यह जापानी कंपनी आईटी सिस्टम्स, सोशल इंफ्रास्टक्चर, फाइनेंसियल सर्विसेज, पावर सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम, ऑटोमोटिव सिस्टम, रेलवे सिस्टम, डिजिटल मीडिया और कन्ज्यूमर प्रोडक्ट्स, कंस्ट्रक्शन मशीनरी से जुड़े सामान बनाती है. 1910 में एक इलेक्ट्र‍िकल इंजीनियर द्वारा शुरू की गई इस कंपनी में आज साढ़े तीन लाख लोग काम कर रहे हैं.

पैनासोनिक
यह टीवी बनाने वाली दुनिया की चौथी सबसे बड़ी कंपनी है. पहले इस कंपनी का नाम था मैतसुसिता इलेक्ट्र‍िक. 1918 में बनी यह कंपनी इलेक्ट्रॉनिक्स की दुनिया का मशहूर ब्रांड है. कंपनी का नारा है- A Better Life, A Better World

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तोशिबा
leading innovation के मूल मंत्र पर काम करने वाली जापान की यह कंपनी 141 साल पुरानी है. दुनियाभर में अपने प्रोडक्ट्स के लिए मशहूर यह कंपनी इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर्स, सोशल इंफ्रास्टक्चर, कम्प्यूटर हार्डवेयर, होम अप्लाएंस, मेडिकल सामान, इलेक्ट्र‍िकल सामान, एलिवेटर्स, एक्सेलेटर्स बनाने के अलावा आईटी और लॉजिस्ट‍िक्स सर्विसेज मुहैया कराती है.

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