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'चीता' के लिए देश मांग रहा दुआएं, दोस्तों को जल्द ठीक होने की उम्मीद

चीता की जिंदगी की खैर मनाने वालों में उनके दोस्त सबसे आगे हैं. उनके बचपन के साथी बताते हैं वो कैसे शुरू से जिंदादिल इंसान रहे हैं. राजस्थान के कोटा में पले-बढ़े चेतन के पिता सीनियर प्रशासनिक अधिकारी हैं. दोस्त बताते हैं कि चीता के सामने भी ये रास्ता खुला था लेकिन उन्होंने देश की हिफाजत के लिए वर्दी को चुना.

बांदीपुरा एनकाउंटर में घायल हुए थे सीआरपीएफ अफसर चेतन चीता बांदीपुरा एनकाउंटर में घायल हुए थे सीआरपीएफ अफसर चेतन चीता
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 19 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 8:55 AM IST

सीआरपीएफ के बहादुर अफसर चेतन चीता के लिए देश में दुआओं का दौर जारी है. मंगलवार को बांदीपुरा में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में घायल होने के बाद फिलहाल दिल्ली के एम्स में उनका इलाज चल रहा है.

दोस्तों की दुआएं साथ
चीता की जिंदगी की खैर मनाने वालों में उनके दोस्त सबसे आगे हैं. उनके बचपन के साथी बताते हैं वो कैसे शुरू से जिंदादिल इंसान रहे हैं. राजस्थान के कोटा में पले-बढ़े चेतन के पिता सीनियर प्रशासनिक अधिकारी हैं. दोस्त बताते हैं कि चीता के सामने भी ये रास्ता खुला था लेकिन उन्होंने देश की हिफाजत के लिए वर्दी को चुना. हाल ही में चेतन का ट्रांसफर दिल्ली से कश्मीर हुआ था. इसके बाद उन्होंने खास दोस्तों को घूमने के लिए बुलाया था.

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चीता के बचपन के दोस्त शिवशक्ति सिंह कहते हैं कि उनमें छोटी उम्र से ही लीडरशिप की आदत थी जो हमेशा बरकरार रही. दोस्त से रिश्तेदार बने प्रभात पांडे उनकी सेहत को देखकर फिक्रमंद हैं. उन्होंने बताया कि चीता ने घायल होने के बाद भी जल्दी वापस आने और बाकी दुश्मनों को खत्म करने का वायदा किया था. प्रभात को उम्मीद है कि वो जरुर अपनी बात पर खरा उतरेंगे. कुछ ऐसे ही जज्बात चीता के करीबी दोस्त सुभाष राजौरिया ने भी जाहिर किये.

चीता की हालत स्थिर
चेतन चीता को गंभीर हालत में एम्स के ट्रॉमा सेंटर में रखा गया है. डॉक्टरों के मुताबिक उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है और उनकी हालत स्थिर है. श्रीनगर के सेना अस्पताल से उन्हें एयर एंबुलेंस के जरिये दिल्ली लाया गया था. यहां उनके दिमाग का ऑपरेशन किया गया है. डॉक्टर्स के मुताबिक उनके चेहरे और सिर पर कई गंभीर चोटें हैं. सरकार ने उनके इलाज में हर मुमकिन मदद का भरोसा दिलाया है. डॉक्टरों की टीम उनकी हालत पर 24 घंटे नजर रख रही है.

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बेमिसाल बहादुरी
मंगलवार की शाम को बांदीपुरा के खान मोहल्ला में आतंकियों की मौजूदगी की खबर मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने सर्च ऑपरेशन चलाया था. चेतन चीता इस ऑपरेशन में सीआरपीएफ जवानों की अगुवाई कर रहे थे. खबरों के मुताबिक आतंकियों को पहले ही ऑपरेशन की खबर मिल गई थी और उन्होंने अपना ठिकाना बदल लिया. अपनी टुकड़ी को सबसे अगली कतार से लीड कर रहे चीता पर आतंकियों ने एक साथ 30 गोलियां दागीं. उनके शरीर के अलग-अलग हिस्सों में कुल 9 गोलियां लगीं. इसके बावजूद चेतन ने आतंकियों पर 16 राउंड फायर किये और एक आतंकी को ढेर किया.

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