
हैकरों के एक समूह ने ईरान की सरकारी वेबसाइट को ही अपना निशाना बना लिया. हैकर्स ने ईरान के विदेश मंत्रालय से संबधित कई वेबसाइट पर साइबर हमला कर दिया. बताया जा रहा है कि इस साइबर हमले के पीछे सऊदी अरब का हाथ है.
ईरान की समाचार एजेंसी तस्नीम ने कहा कि जांच में खुलासा हुआ है कि ऐसा लग रहा है कि हैकरों को ईरानी विदेश मंत्रालय से संबंधित वेबसाइट हैक करने के लिए सऊदी अरब ने रकम का भुगतान किया है.
समाचार एजेंसी ने कहा कि इससे पहले 24 मई को भी ईरान के सांख्यिकी केंद्र पर साइबर अटैक किया गया था. ईरान की साइबर पुलिस के मुताबिक इस जांच के दौरान तीन अरब देशों के आईपी एड्रेस सामने आए थे, जिसमें सऊदी अरब भी शामिल था.
रिपोर्ट में ईरान की साइबर पुलिस के हवाले से बताया गया है कि दोषियों को गिरफ्तार करने और उन पर कार्रवाई करने के लिए ईरान ने इंटरपोल के माध्यम से सऊदी अरब को आईपी एड्रेस और सटीक स्थानों की जानकारी भिजवा दी है.
साइबर विशेषज्ञ के हवाले से समाचार एजेंसी ने लिखा कि ईरान के विदेश मंत्रालय से संबंधित वेबसाइट पर हालिया साइबर अटैक की तकनीक और मॉडल को देखकर लगता है कि हैकरों को सऊदी सरकार का समर्थन प्राप्त था.
काबिल-ए-गौर है कि सुन्नी बहुल सऊदी अरब और शिया बहुल ईरान के बीच रिश्ते बेहद खराब स्थिति में हैं. दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध भी नहीं हैं.