
नोटबंदी के बाद से ही बैंकों और एटीम के बाहर लगी लंबी लाइनों से लोगों को निजात दिलाने के लिए सरकार कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने में जुटी है. जिससे पेटीएम और डेबिट, क्रेडिट कार्ड से पेमेंट और खरीदारी बहुत बढ़ गई है. ऐसे में साइबर अपराधों में बढ़ोत्तरी होने की आशंका है. जिसके मद्देनजर दिल्ली के सभी थानों में साइबर यूनिट तैनात किए जाने का फैसला लिया गया है.
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता और संयुक्त आयुक्त दिपेंद्र पाठक ने बताया कि थाने में तैनात किए जाने वाले साइबर पुलिस कर्मियों को बकायद ट्रेनिंग दी गई है, ताकि वो साइबर क्राइम से जुड़ी शिकायतों को समझ सकें और एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई कर सकें.
संयुक्त आयुक्त दिपेंद्र पाठक का कहना है कि अब तक साइबर क्राइम की बड़ी शिकायतों को सिर्फ साइबर सेल में ही सुना जाता था, लेकिन अब हर थाने में साइबर क्राइम यूनिट के लोग मौजूद होंगे. इससे साइबर अपराधों का जल्द निपटारा हो सकेगा.
नोटबंदी के बाद सरकार और बैंकों की तरफ से कैशलेस ट्रांज़ेक्शन पर ज़ोर दिया जा रहा है. लेकिन उसका साइड इफेक्ट भी देखने को मिल रहा है. नेटबैंकिंग के इस्तेमाल के दौरान ठगे गए लोगों की तादाद दिन पर दिन बढ़ती जा रही है.
ऐसे में ज़रूरत है तो सावधान रहने की. वरना आप भी ऐसी किसी वारदात के शिकार हो सकते हैं. लिहाजा आप कभी भी किसी के साथ अपने कार्ड और एकाउंट की डिटेल शेयर न करें.