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दादरी कांड को लेकर फिर से सियासी दंगल शुरू हो चुका है. हालांकि, ग्रेटर नोएडा के बिसाहड़ा गांव में सोमवार शाम 5 बजे बुलाई गई महापंचायत धारा 144 के लागू होने के कारण नहीं हो सकी, लेकिन गांव में बीजेपी-शिवसेना ने पंचायत की. इसमें यूपी सरकार को 20 दिनों का अल्टीमेटम दिया गया कि वह अखलाक के परिवार पर केस दर्ज करे. साथ चेतावनी दी गई है कि अगर ऐसा नहीं होता है तो अंजाम भुगतना होगा.
बताया जाता है कि बिसाहड़ा गांव की पंचायत में पूर्व प्रधान और आरोपियों के पिता के अलावा शिवसेना के स्थानीय नेता भी शामिल हुए. इस दौरान आरोपियों के परिजन और गांववाले लगातार ये मांग करते रहे कि अखलाक के परिवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए, क्योंकि फॉरेंसिक रिपोर्ट से यह साफ हो गया कि अखलाक के घर से गोमांस पाया गया.
'मंदिर में हुई बैठक, इसलिए कानून लागू नहीं'
दूसरी ओर, धारा 144 के बावजूद पंचायत को लेकर स्थानीय शिवसेना नेताओं ने कहा, 'यह बैठक मंदिर में हुई है, जहां कानून लागू नहीं होता.' आरोपियों कहना है कि वह कोर्ट के जरिए भी मुकदमा दर्ज करवाने की कोशिश करेंगे. जबकि 20 दिन के बाद यह तय किया जाएगा कि महापंचायत कब और कहां होनी है.
बता दें कि सोमवार को दिनभर की गहमगाहमी के बीच बिसाहड़ा में महापंचायत बुलाई गई थी. हालांकि, इसके मद्देनजर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और हाई अलर्ट जारी कर दिया गया था. मंदिर में बैठी पंचायत में 100 लोगों के शामिल होने की खबर है.
फॉरेंसिक रिपोर्ट में बीफ की पुष्टि और हंगामा
गौरतलब है कि मथुरा स्थित एक सरकारी फॉरेंसिक लैब की पिछले सप्ताह रिलीज हुई रिपोर्ट में कहा गया है कि पीड़ित व्यक्ति के घर में पाया गया मांस बीफ ही था. इस रिपोर्ट के आने के बाद बिसाहड़ा गांव के कुछ लोगों ने अखलाक के परिवार के खिलाफ गोहत्या का मामला दर्ज किए जाने की मांग की है. कुछ ग्रामीणों और हिंदू संगठनों ने अखलाक की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किए गए 17 लोगों को रिहा करने की मांग की है.
प्रमुख हिंदू संगठनों को भी बुलाया था पंचायत में
एक अधिकारी ने कहा है कि आरोपियों को सोमवार को फास्ट-ट्रैक अदालत में पेश किया जाएगा, जहां उन पर आरोप तय किए जाएंगे. इस मामले में आरोपी एक किशोर को पहले ही उच्च न्यायालय से जमानत मिल चुकी है. उत्तर प्रदेश पुलिस दल के जवान रविवार शाम से ही गांव में गश्त कर रहे हैं. अधिकारी ने बताया कि महापंचायत में कुछ हिंदू संगठनों- विश्व हिन्दू परिषद (विहिप), राष्ट्रवादी प्रताप सेना, गोरक्षा दल तथा हिन्दू युवा वाहिनी द्वारा शामिल होने की घोषणा के बाद यहां सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.
अखलाक की पिछले साल हुई थी हत्या
इसी गांव में पिछले साल 28 सितंबर को मोहम्मद अखलाक नाम के शख्स की बीफ खाने के आरोप में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद यहां तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी और देशभर में यह मुद्दा सुर्खियों में रहा.