
दादरी कांड पर शुक्रवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले से नया मोड़ आ गया है. कोर्ट ने मृतक अखलाक के परिजनों के खिलाफ दर्ज गोहत्या मामले में उसके भाई जान मोहम्मद को छोड़कर अन्य सभी आरोपियों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस प्रभात चंद्र त्रिपाठी की बेंच ने जान मोहम्मद को राहत देने से इनकार कर दिया है.
अखलाक के परिवार ने गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. परिवार का दावा है कि उन्हें केस में फंसाया गया. हाल ही अखलाक के बेटे ने भी यूपी के डीजीपी से मुलाकात कर मामले की फिर से जांच की मांग की थी. परिवार ने दावा किया कि बरामद मांस के प्रकार को लेकर आई फॉरेंसिक रिपोर्ट से छेड़छाड़ की गई है. परिवार ने यही बात हाई कोर्ट को भी बताई.
गोमांस के आरोप में पीट-पीटकर हत्या
बता दें कि पिछले साल 28 सितंबर को दादरी के बिसाहड़ा गांव में गोहत्या करके मांस को घर में रखने का आरोप लगाते हुए भीड़ ने अखलाक की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. उसके बेटे दानिश को भी गंभीर रूप से घायल कर दिया था. इस मामले में कुछ स्थानीय लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके जांच की गई थी.
रिपोर्ट में मांस को गोमांस बताया गया
गौतमबुद्ध नगर की एक अदालत में हाल ही दाखिल फॉरेंसिक रिपोर्ट में नमूने के कहा गया कि अखलाक के घर से बरामद मांस गोमांस ही था. इसके बाद अखलाक के परिजन के खिलाफ गोहत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था.