Advertisement

पुलिस हिरासत में बर्बर पिटाई से दलित की मौत!

छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले में पुलिस हिरासत में एक दलित कैदी की मौत हो गई. कैदी सतीश को सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया था. बताया जा रहा है कि थाने में पुलिस की पिटाई की वजह से उसकी मौत हो गई. इसके बाद लोगों के हंगामे को देखते हुए सरकार ने थानेदार सहित दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया. इस मामले की जांच की जा रही है.

सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप
सुनील नामदेव
  • रायपुर,
  • 19 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 5:01 PM IST

छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले में पुलिस हिरासत में एक दलित कैदी की मौत हो गई. कैदी सतीश को सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया था. बताया जा रहा है कि थाने में पुलिस की पिटाई की वजह से उसकी मौत हो गई. इसके बाद लोगों के हंगामे को देखते हुए सरकार ने थानेदार सहित दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया. इस मामले की जांच की जा रही है.

जानकारी के मुताबिक, यह घटना जांजगीर चाम्पा जिले के पामगढ़ इलाके की है. यहां के मुलमुला गांव में पुलिस हिरासत में एक शख्स की तब तक पिटाई की गई, जब तक की उसकी जान नहीं चली गई. मृतक सतीश एक शिक्षक का बेटा था. उसकी मौत के बाद उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 151 के तहत केस भी दर्ज कर दिया गया, ताकि कानूनी पेचीदगियों का फायदा उठाया जा सके.

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, सतीश के शरीर पर पिटाई के गंभीर निशान थे. उसकी पीठ, जांघ और कूल्हे में लाल-लाल चोट के निशान दिखाई दे रहे थे. उधर, सरकार ने मामले को तूल पकड़ता देख एक थानेदार समेत दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है. मेडिकल बोर्ड के समक्ष सतीश का पोस्टमार्टम किया गया है. उसका शव परिजनों को सौप दिया गया. इस मामले ने सियासी रंग ले लिया.

पुलिस की बर्बर पिटाई को लेकर राजनीति गरम हो गई. कांग्रेस ने बीजेपी सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है. कांग्रेस का आरोप है कि दलित विरोधी मानसिकता के चलते इस युवक को मारा गया. दलित संगठन भी घटना के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं. मुख्यमंत्री रमन सिंह ने मृतक के परिजनों को एक लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा करते हुए न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement