Advertisement

UP के इस गांव को छोड़कर भाग रहे हैं दलित परिवार!

बागपत के कमाला गांव के दलितों का कहना है कि 5 से 6 परिवार अपने घर छोड़कर गांव से जा चुके हैं और जो रह गए हैं वे दहशत में जी रहे हैं.

बागपत के कमाला गांव में दहशत में जी रहे हैं दलित परिवार बागपत के कमाला गांव में दहशत में जी रहे हैं दलित परिवार
आशुतोष कुमार मौर्य
  • बागपत,
  • 13 मई 2018,
  • अपडेटेड 3:07 PM IST

उत्तर प्रदेश के बागपत में एक गांव के दलित पिछले एक पखवारे से डर के साये में जी रहे हैं. यहां तक कि दलित बस्ती के कई परिवार गांव छोड़कर पलायन कर चुके हैं. लेकिन पुलिस का दावा है कि गांव में सबकुछ शांतिपूर्ण है और किसी ने गांव नहीं छोड़ा है.

लेकिन पुलिस यह बताने में असफल रहती है कि जब सबकुछ शांतिपूर्ण है, फिर बीते 15 दिन से पुलिसकर्मी गांव में डेरा जमाए किसकी सुरक्षा कर रहे हैं. या अंदर ही अंदर गांव में कुछ सुलग रहा है, जिसके कभी भी फूट पड़ने की आशंका है.

Advertisement

बागपत के कमाला गांव में पिछले महीने दलितों और सवर्ण गुज्जरों के बीच तनाव की यह स्थिति पैदा हुई, जो अब तक वैसी ही बनी हुई है. गांव के दलितों का कहना है कि 5 से 6 परिवार अपने घर छोड़कर गांव से जा चुके हैं और जो रह गए हैं वे दहशत में जी रहे हैं.

गांव वालों ने बताया कि सवर्ण उन्हें लगातार डरा रहे हैं कि वे हमारी औरतों से बदला लेंगे. इसी डर के चलते जो दलित परिवार अभी गांव में ही रुके हुए हैं, उन्होंने अपने घरों की युवतियों को बाहर भेज दिया है.

बता दें कि गुज्जरों द्वारा 19 वर्षीय दलित युवक और उसके 16 वर्षीय भांजे की बेरहमी से पिटाई के बाद दलितों में डर का माहौल है. वहीं गुज्जरों का कहना है कि जिन युवकों की पिटाई की गई, वे सवर्णों की एक लड़की को एक दलित लड़के द्वारा भगाने में मददगार रहे थे.

Advertisement

गुज्जरों के हमले में घायल दलित युवक 19 वर्षीय आकाश खोंडवाल का मेरठ क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है. बीए की पढ़ाई करने वाले आकाश को वेंटिलेटर पर रखा गया है. डॉक्टरों ने बताया कि आकाश के एक पैर की हड्डी टूट गई है और कई जगहें चोटे आई हैं.

इसके अलावा हमले में आकाश की किडनी पर भी असर पड़ा है. उसके नाखून उखाड़ लिए गए हैं. गुज्जरों ने आकाश के भतीजे 16 वर्षीय मनीष की भी बुरी तरह पिटाई की है और उसके पूरे शरीर में जख्म हैं.

दलितों का आरोप है कि उन पर यह हमला गुज्जर समुदाय से ताल्लुक रखने वाले ग्राम प्रधान प्रमोद राणा के आदेश पर हुआ. हालांकि पुलिस और ग्राम प्रधान इन आरोपों से इनकार कर रहे हैं.

पुलिस मारपीट की इस वारदात को प्रेम प्रसंग से जोड़कर देख रही है. पुलिस का कहना है कि 20 वर्षीय एक दलित युवक का 18 साल की एक गुज्जर युवती से प्रेम प्रसंग चल रहा था, जिसके चलते मारपीट की यह घटना हुई.

गांव वालों का कहना है कि युवती के घरवालों ने 15 अप्रैल को गुज्जर समुदाय के ही एक युवक से उसकी शादी कर दी थी. लेकिन 27 अप्रैल को युवती अपने प्रेमी दलित युवक के साथ कहीं चली गई.

Advertisement

पुलिस का कहना है कि युवती के परिवार वालों को जैसे ही पता लगा कि उनकी बेटी भाग गई है, वे उसे खोजने निकल पड़े. युवती को खोज रहे गुज्जर समुदाय के लोगों ने ही दोनों दलित युवकों की बुरी तरह पिटाई की, क्योंकि दोनों उस दलित युवक के रिश्तेदार हैं.

पुलिस ने यह भी बताया कि 28 अप्रैल को युवती के घरवालों ने उसे खोज निकाला और उसे उसके ससुराल पहुंचा दिया, जबकि लापता दलित युवक का अभी भी कोई अता-पता नहीं है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement