
लंबे इंतजार के बाद आखिरकार 30 नवंबर को डीडीए आवासीय योजना का ड्रा निकाला जाएगा. इस योजना के अंतर्गत 12 हजार फ्लैट्स आते हैं. डीडीए की तरफ से ड्रॉ की सभी तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं लेकिन यहां ये जान लेना जरूरी है कि 12 हजार फ्लैटों में से लगभग 11 हजार एलआइजी फ्लैट हैं, जिन्हें पहले ईडब्ल्यूएस के लिए तैयार किया गया था. वर्ष 2014 की आवासीय योजना में भी ये फ्लैट शामिल थे, लेकिन इनका क्षेत्रफल कम होने के चलते लोगों ने इन्हें लेने से इनकार कर दिया था.
डीडीए भले ही नए आवासीय योजना के बड़े गुणगान कर के बेच रहा है पर सच्चाई ये है कि करीब 11 हजार वही पुराने मकान हैं जिनके खस्ता हालत के चलते 2014 में लोगो ने ले कर छोड़ दिया था. यही देखते हुए डीडीए ने इस बार इन फ्लैटों की वापसी का कोई रास्ता नहीं रखा है. यानी अगर आपने फॉर्म भर दिया है और अगर आपको फ्लैट मिल जाता है तब आपको फ्लैट आपको खरीदना ही होगा नही तो आपका डिपाजिट जब्त कर लिया जाएगा.
डीडीए के एलआईजी फ्लैट्स की हालत खस्ता
डीडीए की आवासीय योजना के अंतर्गत जितने भी फ्लैट्स आते हैं उनमें ज्यादातर खस्ताहाल हैं. 2014 में जिन लोगों ने फ्लैट्स लिए थे वो आज भी रो रहे हैं. डीडीए ने मकान बना के तो दे दिया है पर उसके बाद इनकी देख-रेख और रख-रखाव भगवान भरोसे है. जसोला विहार के 10बी एलआईजी हाउसिंग सोसाइटी के लोग बेहद परेशान हैं. 2011 से यहां पर अपने परिवार के साथ रह रहे मनोज का कहना है, 'जिस दिन से आए हैं परेशान हैं, कुछ न कुछ लगा ही रहता है, हमसे 76 हजार मेंटनेस का लिया था डीडीए ने और कहा था 2 साल 3 साल और 5 साल के बाद मरम्मत करेंगे पर आज तक एक बार भी नही हुई. दीवारें ऐसी हैं कि ऐसा लगता है बालू को थूक से चिपकाया है. एक कील ठोको तो भरभरा के गिरने लगती है.'
डीडीए सोसाइटीज की सबसे बड़ी समस्या पानी और मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. पिछले तीन साल से रह रहीं रेखा का कहना है, 'गर्मियों में पानी 2 से 3 दिन बाद आता है और जो आता है वो इतना खारा की स्टील के सारे बर्तन काले पड़ गए हैं. कपड़ो की धुलाई मुश्किल से होती है. नहाना और खाना-पीना तो भूल जाइए. पानी बाहर से खरीद के पीते हैं. आरो भी नही लगा सकते क्योंकि कितना भी महंगा आरो लगाओ 3 से 4 महीने में खराब हो जाता है.'
इस आवासीय योजना में 12 हजार फ्लैटों के लिए लगभग 42 हजार लोगों ने आवेदन किया है. जबकि वर्ष 2014 की आवासीय योजना में 10 लाख से अधिक फॉर्म जमा हुए थे, वहीं 2017 की आवासीय योजना में केवल 42 हजार फॉर्म लोगों की डीडीए की आवासीय योजनाओं के प्रति मायूसी को दर्शाने के लिए काफी हैं. इस एलआइजी फ्लैट के लिए लगभग 20 हजार लोगों ने आवेदन किया है. जिससे इस बार एलआईजी के लिए आवेदन करने वाले हर दूसरे व्यक्ति को फ्लैट मिलना तय है. लेकिन सवाल यह है कि पहले ही मकान खरीद कर रो रहे लोगों की समस्याओं से मुंह मोड़ चुकी डीडीए नई योजनाओं के लिए किए वायदे कैसे पूरे कर पाएगी?