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झारखंड: नहीं थम रहा मौत का सिलसिला, 4 माह में 160 बच्चों की गई जान

सबसे अधिक मौत मार्च महीने में हुई, मार्च महीने में यहां करीब 50 बच्चों की मौत दर्ज की गई, अगर इस अस्पताल के नियो नेटल सेंटर की बात करें तो हर महीने यहां करीब 35 बच्चों की मौत हो रही है.

चार महीनों में 160 बच्चों की मौत चार महीनों में 160 बच्चों की मौत
परमीता शर्मा/धरमबीर सिन्हा
  • जमशेदपुर ,
  • 04 जून 2018,
  • अपडेटेड 6:08 PM IST

झारखंड में सरकार के दावों के उलट नवजात बच्चों की मौत का सिलसिला बदस्तूर जारी है. पूर्वी सिंहभूम जिले के कोल्हान इलाके के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं. जमशेदपुर के इस अस्पताल में बीते चार महीनों के दौरान करीब 160 बच्चों की मौत हुई है.

इनमें से सबसे अधिक मौत मार्च महीने में हुई. मार्च महीने में यहां करीब 50 बच्चों की मौत दर्ज की गई, अगर इस अस्पताल के नियो नेटल सेंटर की बात करें तो हर महीने यहां करीब 35 बच्चों की मौत हो रही है.

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पिछले साल भी चार महीने में हुई थी 164 बच्चों की मौत

ऐसा नहीं है कि यह पहली बार हुआ है. बीते साल भी चार महीनों के दौरान 164 बच्चों की मौत हुई थी, जिसके बाद झारखंड हाईकोर्ट ने मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए जिला जज को अस्पताल का निरीक्षण कर रिपोर्ट देने को कहा था. जिला जज के निरीक्षण के दौरान अस्पताल के शिशु विभाग में कई खामियां पाई गईं जिसके बाद स्वास्थ्य सचिव ने इन कमियों को दूर करने की बात कही थी, लेकिन करीब दस महीने के बाद भी स्थिति जस की तस है.

इन्क्यूबेटर की कमी

जिला जज ने पाया था कि अस्पताल में कम वजन के नवजातों शिशुओं के लिए इन्क्यूबेटर की काफी कमी है. जिसकी वजह से एक इन्क्यूबेटर में चार-चार बच्चों को रखा गया था. फिलहाल अस्पताल में छह इन्क्यूबेटर हैं जिसमें एक समय में एक ही नवजात को रखा जा सकता है. वहीं अस्पताल में अभी 26 नवजात ऐसे हैं जिन्हें इन्क्यूबेटर की जरूरत है.

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