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पुलिस को थप्पड़ जड़ने वाली महिला जज के खिलाफ मुकदमा दर्ज

मामला महिला जज से जुड़ा था इसके लिए बाकायदा इलाहाबाद हाईकोर्ट से मुकदमा दर्ज करने की परमिशन ली गई. जिसके बाद विभिन्न धाराओं के तहत महिला जज पर मुकदमा दर्ज किया गया है.

महिला जज ने पुलिसकर्मियों के साथ की मारपीट महिला जज ने पुलिसकर्मियों के साथ की मारपीट
सना जैदी
  • देहरादून,
  • 23 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 10:35 AM IST

देहरादून पुलिस ने पद का दुरुपयोग करने वाली महिला जज के खिलाफ एतिहासिक कार्रवाई की है. देहरादून के प्रेमनगर थाने में ड्यूटी पर तैनात पुलिस कांस्टेबल पर थप्पड़ जड़ने वाली महिला जज के खिलाफ देहरादून पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है.

दरअसल मामला महिला जज से जुड़ा था इसके लिए बाकायदा इलाहाबाद हाईकोर्ट से मुकदमा दर्ज करने की परमिशन ली गई. जिसके बाद विभिन्न धाराओं के तहत महिला जज पर मुकदमा दर्ज किया गया है.

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क्या है पूरा मामला

गौरतलब है कि जया पाठक उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में फेमिली कोर्ट में अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (एडीजे) के पद पर नियुक्त हैं. बीते 12 सितंबर को महिला जज अपने बेटे के विवाद के सिलसिले में प्रेमनगर थाने पहुंची थीं. जो देहरादून के एक प्राइवेट संस्थान में पढ़ाई कर रहा है. उसका अपने कॉलेज के साथियों के साथ किसी बात को लेकर विवाद हो गया था. जिसके लिए महिला जज दूसरे पक्ष की गिरफ्तारी के लिए जबरदस्ती कर रही थी. पुलिस की मानें तो बिना बात को समझे जज ने थाने पहुंचकर पहले तो जमकर हंगामा किया और फिर पुलिसकर्मियों से मारपीट भी की.

आरोप है कि इसी दौरान महिला ने प्रेमनगर थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों को गाली गलोच कर धमकी दे डाली. इस दौरान जब थाने के एक सिपाही द्वारा महिला जज का वीडियो बनाया जा रहा था तो उसने कांस्टेबल को थप्पड़ जड़ दिया. इतना ही नहीं इस घटना के बाद जब एसएचओ प्रेमनगर नरेश सिंह राठौड़ ने महिला को रोकने की कोशिश की तो महिला ने थानेदार के साथ भी गाली गलोच शुरू कर दी. मामले को बढ़ता देख मौके पर सभी बड़े अधिकारी पहुंच गए.

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क्या कहती है पुलिस

फिलहाल महिला जज पर सरकारी कार्य मे बाधा पहुंचाना, गाली गलौच करना और जान से मारने की धमकी देने का मुकदमा दर्ज हुआ है. इस मामले की जांच के लिए किसी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को नियुक्त किया जाएगा. जिससे किसी भी दवाब में आये बिना जांच को आगे बढ़ाया जाए.

इस मामले में जब एसएचओ नरेश सिंह राठौड़ से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पहले महिला को बहुत समझाने की कोशिश की गई. लेकिन बिना अपना परिचय दिए ही उक्त महिला ने गाली के साथ ही सिपाही से मारपीट शुरू कर दी. बीच-बचाव करने पर उनपर भी हाथ उठाने की कोशिश की. उनका कहा है कि मुकदमा दर्ज करने को लेकर हाईकोर्ट की परमिशन के बाद कहीं न कहीं पुलिस का मनोबल और कानून के प्रति सम्मान बढ़ा है.

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