
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक मसले का विवाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंच गया है. शनिवार को पांच लोगों के प्रतिनिधि मंडल के यूनिवर्सिटी के कुलपति जमीरुद्दीन शाह ने पीएम से मुलाकात की. बैठक के बाद वीसी ने कहा कि मुलाकात सार्थक रही है.
पीएम के साथ बैठक के बाद जमीरुद्दीन शाह ने कहा, 'हमारी 40 मिनट तक बातचीत हुई. हमने प्रधानमंत्री से कहा कि हम मानव संसाधन एवं विकास मंत्री से मिलना चाहते हैं. हमने पीएम से कहा कि एएमयू और बीएचयू समांतर हैं, लेकिन फिर भी उन्हें हमसे 100 करोड़ रुपये अधिक दिए जा रहे हैं. हमने उन्हें मैनिफेस्टो दिखाया और पूछा कि यह अंतर क्यों है.'
सेंट्रल यूनिवर्सिटी में तिरंगा फहराने के आदेश पर कुलपति ने कहा, 'यह नेशनल प्राइड का मामला है. हम इससे खुश है.' वीसी ने कहा कि बैठक के दौरान पीएम को यूनिवर्सिटी में किए जा रहे शोध कार्यों से अवगत करवाया गया. उन्होंने कहा, 'हमने गंगा एक्शन प्लान और बैटरी से चलने वाली गाड़ी पर भी बात की. हमारे वैज्ञानिकों ने नैनो फर्टिलाइजर का निर्माण किया है.'
स्मृति ईरानी पर किया हमला
जमीरुद्दीन शाह ने मानव संसाधन एवं विकास मंत्री स्मृति ईरानी पर भी जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, 'हम बीते डेढ़ वर्षों से एचआरडी मिनिस्टर से मिलने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अब तक नाकाम रहे हैं. जबकि इस दौरान हम दो बार प्रधानमंत्री से मिल चुके हैं. अब हमें 10 मार्च को स्मृति ईरानी से मिलने का समय दिया गया है.'
कुलपति ने आगे कहा, 'कुछ बुरे तत्व एएमयू का नाम खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. मैं मंत्री से मिलकर खुद इस ओर स्प्ष्टीकरण देना चाहता हूं. उनके मन में निराश तत्वों द्वारा कही गई बातों से वन साइडेड इम्प्रेशन है.'
शुक्रवार को राज्यसभा में हुआ था हंगामा
गौरतलब है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से भेदभाव के मुद्दे पर विपक्ष ने शुक्रवार को राज्यसभा में जमकर हंगामा किया. सपा, कांग्रेस और वामपंथी दलों के सदस्यों ने वेल में आकर नारे लगाए. उप सभापति पीजे कुरियन की शांति की अपील भी बेअसर रही, जिसके बाद में उन्होंने सदन स्थगित कर दिया गया.
ऊपरी सदन में शून्यकाल में सपा के जावेद अली ने एएमयू के वीसी के बयान के आधार पर यह मामला उठाया था. उन्होंने कहा कि वाइस चांसलर ने कहा है कि मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी एएमयू के नए कैंपस सेंटर को गैरकानूनी बताकर फंड रोकने की चेतावनी दी है.
इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि मामला अदालत में है और भेदभाव के आरोप पूरी तरह गलत हैं. हालांकि, उपसभापति ने नियमों का हवाला देते कहा कि शून्यकाल में इस मुद्दे पर चर्चा नहीं कराई जा सकती.
क्या कहा था वीसी ने
गौरतलब है कि बीते दिनों कुलपति जमीरुद्दीन शाह ने स्मृति ईरानी पर यूनिवर्सिटी की ग्रोथ को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया. शाह ने बताया कि केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने उनसे कहा कि केरल, पश्चिम बंगाल और बिहार में यूनिवर्सिटी के ऑफ कैंपस अवैध हैं. उन्होंने कहा कि जबकि हमें फंड की जरूरत है, मंत्री ऐसा कह यूनिवर्सिटी को नुकसान पहुंचा रही हैं.