
तीन महीने बाद दिल्ली का एक बार दम घुटने लगा है. दरअसल, हवा की दिशा में बदलाव और दशहरे में पुतले जलाने के कारण दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया. अगले दो दिनों में भी हालात जस के तस रहेंगे. दिल्ली में गुरुवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) को 211 अंक दर्ज किया गया था, जिसमें प्राथमिक प्रदूषक पीएम 2.5 और पीएम 10 था.
मौसम विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि राजधानी में प्रदूषण में बढ़ोतरी के पीछे हवा की दिशा में आए बदलाव को बड़ी वजह माना जा रहा है. बुधवार को हवा की दिशा पूर्व की ओर से थी.
हवा में बढ़ा प्रदूषण का स्तर
गुरुवार को यह पश्चिम की तरफ से हो गई है. इसके चलते हवा में प्रदूषक तत्वों की मात्रा बढ़ी है. 5 अक्टूबर को जहां दिल्ली का AQI 98 के अंक पर यानी संतोषजनक श्रेणी में था. वहीं, 10 अक्टूबर को यह 211 के अंक पर यानी खराब श्रेणी में पहुंच गया.
दिल्ली में प्रदूषण पर लगाम लगाने की कोशिशें जारी हैं. दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से निपटने के लिए 15 अक्टूबर से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू किया जाएगा, जो 15 मार्च तक लागू रहेगा. इस दौरान दिल्ली-एनसीआर में डीजल जनरेटर के इस्तेमाल पर रोक रहेगी. इससे किसी को छूट नहीं दी जाएगी.
ऐसे लगेगी प्रदूषण पर रोक
दिल्ली का 40 फीसदी प्रदूषण ट्रांसपोर्ट सेक्टर से आता है. भीड़भाड़ और घनी आबादी वाले इलाके में प्रदूषण ज्यादा होगा. अगर हवा की गुणवत्ता वेरी पुअर रहती है, तो डीजल जनरेटर पर पूरी तरह से बैन रहेगा. पूरे एनसीआर में यह लागू होगा, क्योंकि एक जगह का प्रदूषण दूसरी जगह जा सकता है.
दिल्ली सरकार की पहल ऑड-इवन से प्रदूषण भी कम करने में मदद मिल सकती है क्योंकि जितना पब्लिक ट्रांसपोर्ट ज्यादा होगा, उतने ही प्राइवेट वाहन कम होंगे और प्रदूषण कम होगा.