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दिल्ली विधानसभा में JNU और SSC मामले पर प्रस्ताव पेश, कार्रवाई की मांग

ग्रेटर कैलाश से विधायक सौरभ भारद्वाज ने सदन में प्रस्ताव रखा कि पिछले दिनों जेएनयू में छात्राओं के साथ छेड़छाड़ और उत्पीड़न करने का मामला सामने आया है, इसमें सरकार को उचित कार्रवाई करने की जरूरत है.

सौरभ भारद्वाज ने पेश किया प्रस्ताव सौरभ भारद्वाज ने पेश किया प्रस्ताव
पंकज जैन/रवीश पाल सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 22 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 1:27 AM IST

दिल्ली विधानसभा में बजट सत्र के दौरान बुधवार को आम आदमी पार्टी की ओर से छात्रों से जुड़े दो बड़े मुद्दों पर चर्चा हुई. SSC घोटाले के मामले में जांच और JNU में छात्राओं द्वारा प्रोफेसर अतुल जौहरी पर छेड़छाड़ के आरोपों पर सत्ता पक्ष की ओर से प्रस्ताव पेश किए गए जिन्हें सर्वसम्मति से पारित किया गया.

ग्रेटर कैलाश से विधायक सौरभ भारद्वाज ने सदन में प्रस्ताव रखा कि पिछले दिनों जेएनयू में छात्राओं के साथ छेड़छाड़ और उत्पीड़न करने का मामला सामने आया है, इसमें सरकार को उचित कार्रवाई करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार अतुल जौहरी मामले में जेएनयू पीड़ितों की कानूनी मदद करें. दिल्ली महिला आयोग कॉउंसिलिंग में साथ दे, सदन में चर्चा के दौरान इस मामले में दिल्ली पुलिस के रवैये की निंदा भी की गई.

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सौरभ भारद्वाज ने सदन में कहा कि JNU की 8 छात्राओं ने अतुल जौहरी के खिलाफ छेड़छाड़ की शिकायत की थी लेकिन अतुल जौहरी मामले में शुरुआत में एफआईआर दर्ज नहीं हुई, छात्रों द्वारा थाने के घेराव के बाद एफआईआर दर्ज की गई. जबकि विधायक अमानतुल्लाह खान 23 दिन तक कथाकथित मुख्य सचिव से मारपीट के मामले में जेल में रहे और वहीं अतुल जौहरी को 8 मामलों में एक साथ बेल मिल गई. साथ ही JNU ने अभी तक अतुल जौहरी को सस्पेंड नहीं किया है. भारद्वाज ने सदन में बताया कि प्रोफेसर का इतिहास रहा है कि वो आरएसएस से जुड़े हुए थे.

एसएससी मामले पर भी प्रस्ताव पेश

तिमारपुर से विधायक पंकज पुष्कर ने प्रस्ताव रखा कि 2016 से लेकर अभी तक एसएससी द्वारा आयोजित परीक्षा की सीबीआई से सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग में जांच करवाई जाए. यह प्रस्ताव भी सदन में पारित हो गया. पंकज पुष्कर ने सदन में कहा कि युवाओं को धीमी मौत की तरफ धकेला जा रहा है. देश मे डेढ़ करोड़ युवा नौकरी के लिए हर साल तैयार होता है.

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एसएससी पढ़ाने वाले, पढ़ने वाले और दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर हैं. नौजवानों की मानसिक स्थिति से निपटने के लिए तैयारी करने की ज़रूरत है. यूजीसी के एक नोटिफिकेशन से अध्यापक बनने का सपना भी तोड़ दिया गया है. एसएससी में हर साल 3 हजार पदों के लिए 80 लाख लोग आवेदन करते हैं. एसएससी में बेची जा रही नौकरी के सबूत छात्र लेकर घूम रहे हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

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