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क्या अपनी ही टीम को लेकर अंधेरे में रहे मनोज तिवारी!

मनोज तिवारी भले ही सबको साथ लेकर चलने की बात करके सवालों को हंसकर टाल रहे हों, लेकिन दिल्ली बीजेपी के भीतर एमसीडी चुनाव से पहले गुटबाजी की नई हलचल शुरु हो गई है. यूं तो आलाकमान विरोध की सारी आवाजों को दबा देता, लेकिन यहां तो खुद वही शख्स पीड़ित नज़र आ रहा है, जिसे खुद हाईकमान ने ही कमान सौंपी थी.

दिल्ली बीजेपी में नई टीम को लेकर गुटबाजी की खबरें दिल्ली बीजेपी में नई टीम को लेकर गुटबाजी की खबरें
कपिल शर्मा/रोहित मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 17 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 5:02 AM IST

मनोज तिवारी दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष बन गए हैं लेकिन लगता है पार्टी की कमान को अपने कब्जे में लेने के लिए उन्हें राजनीति की मुश्किल राहों पर अभी और चलना होगा. क्योंकि पार्टी के अंदरूनी सूत्र बता रहे हैं कि मनोज तिवारी की नई टीम में उनकी मर्ज़ी नहीं चली है बल्कि नई टीम की लिस्ट केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल और पार्टी के प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू के घर पर तैयार हुई है.

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अब मनोज तिवारी भले ही सबको साथ लेकर चलने की बात करके सवालों को हंसकर टाल रहे हों, लेकिन दिल्ली बीजेपी के भीतर एमसीडी चुनाव से पहले गुटबाजी की नई हलचल शुरु हो गई है. यूं तो आलाकमान विरोध की सारी आवाजों को दबा देता, लेकिन यहां तो खुद वही शख्स पीड़ित नज़र आ रहा है, जिसे खुद हाईकमान ने ही कमान सौंपी थी.

मनोज तिवारी कहते हैं हमें मिलकर काम करना है और जो फैसले लेने हैं, वो सबकी सहमति से लेंगे. हैरानी की बात ये है कि जब तिवारी की अगुआई वाली टीम की घोषणा हुई तब खुद मनोज तिवारी दिल्ली में नहीं थे. वो किसी कार्यक्रम के सिलसिले में असम के दौरे पर थे. दिलचस्प ये है कि जब मनोज तिवारी असम से लौटे तो उनकी नई टीम के सदस्य उनकी अगवानी करने एअरपोर्ट तक पहुंच गए.

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दरअसल दिल्ली बीजेपी की नई टीम में जो चेहरे आए हैं, उनको लेकर पार्टी के दूसरे नेता भी हैरान हैं. हैरानी इस बात की भी है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली के करीबियों को भी दरकिनार कर दिया गया है जबकि अध्यक्ष कोई भी हो संगठन में अरुण जेटली के करीबियों की मौजूदगी हमेशा रही है.

पार्टी ने कुलजीत चहल, रवींद्र गुप्ता और राजेश भाटिया को महामंत्री बनाया है, इनमें से दो पार्षद हैं और बताया जा रहा है कि इनकी नियुक्ति में पार्टी के प्रदेश प्रभारी की भूमिका रही है. उपाध्यक्ष के आठ पदों में भी विजय गोयल और श्याम जाजू के करीबी माने जाने वाले लोगों का दबदबा है. सूत्रों के मुताबिक गोयल, गौरव खारी को युवा मोर्चा की कमान दिलवाना चाहते थे लेकिन इस पद पर सुनील यादव की नियुक्ति कर दी गई, तो गोयल ने युवा होते हुए भी खारी को ओबीसी मोर्चा का प्रमुख बनवा दिया. यही नहीं सूत्रों के मुताबिक इस बार टीम में आठ प्रदेश मंत्रियों के बजाए 9 मंत्री बनाए गए हैं, खबर ये भी है कि इस लिस्ट में अभी दो और नाम जोड़े जाएंगे.

प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी भी पूर्वांचल से आते हैं , इसके बावजूद महिला मोर्चे की अध्यक्ष पूनम पाराशर को नियुक्त किया गया. हालांकि पूनम पाराशर के मुताबिक वो अब महिलाओं से किए वादे पूरे नहीं करने पर केजरीवाल सरकार को घेरने में कोई कसर बाकी नहीं रखेंगीं.

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पार्टी के नए महामंत्री कुलजीत चहल कहते हैं कि पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं है, मनोज तिवारी एक काबिल अध्यक्ष हैं और उनकी अगुआई में नई युवा टीम पूरे जोश के साथ काम करेगी. पार्टी के महामंत्री रवींद्र गुप्ता एमसीडी चुनाव के लिहाज से नई टीम को मजबूत बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि तिवारी ने जो टीम चुनी है, वो एमसीडी चुनाव के लिए एक मजबूत टीम है, जो केजरीवाल के कारनामों को उजागर करेगी.

हालांकि टीम के ऐलान के बाद खुले तौर पर बीजेपी में कोई विरोध सामने नहीं आया लेकिन नेताओं ने पार्टी हाई कमान के सामने न सिर्फ अपनी नाराज़गी जता दी है बल्कि नई टीम को कमजोर टीम बताने से भी पीछे नहीं रहे हैं.

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