
दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी उठापटक शुरू हो गई है. नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को निशाना साधा है, तो कांग्रेस पार्टी ने भी पलटवार किया है.
दिल्ली हिंसा को लेकर बीजेपी पर पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता जेपी अग्रवाल ने कहा कि बीजेपी के पास मामले की जांच कराने का अधिकार है. लिहाजा बीजपी को दिल्ली हिंसा की जांच करानी चाहिए. उन्होंने सवाल किया कि आखिरकार बीजेपी को इस हिंसा की जांच कराने से मना कौन कर रहा है?
कांग्रेस नेता अग्रवाल ने कहा कि अब बीजेपी को लोगों को गुमराह करना बंद कर देना चाहिए. दिल्ली में कच्ची कॉलोनियों को लेकर केजरीवाल सरकार और बीजेपी राजनीति कर रहे हैं, जबकि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के समय से ही कांग्रेस इस मुद्दे पर काम कर रही है.
जावडेकर ने हिंसा के लिए कांग्रेस-AAP को बताया जिम्मेदार
इससे पहले बुधवार को बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा को लेकर कांग्रेस और दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया था.
उन्होंने कहा था कि दिल्ली जैसे शांतिपूर्ण शहर में हुई हिंसा के लिए सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ज़िम्मेदार है. इन दोनों पार्टियों के नेताओं ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर अफवाह फैलाई और लोगों को उकसाया. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली में हुई हिंसा पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने चुप्पी भी साधी रखी.
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि कांग्रेस के आसिफ खान और आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला पर आरोप है कि उन्होंने जामिया में लोगों को उकसाया. इसके अलावा सीलमपुर में कांग्रेस के मतीन अहमद और आम आदमी पार्टी के इशराक खान मौजूद थे. इसके अतिरिक्त जामा मस्जिद में कांग्रेस के महमूद पारचा मौजूद थे. इस हिंसा की वजह से हुए नुकसान के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए.