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चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने दिल्ली के व्यापार को बेहतर बनाने के लिए नई मुहिम की शुरुआत की है. सीटीआई के मुताबिक डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रमोशन (डीआईपीपी) की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग में दिल्ली को देशभर में 23वां स्थान प्राप्त हुआ है.
रिपोर्ट आने के बाद से दिल्ली के व्यापारिक संगठनों के लिए यह चिंताजनक स्थिति है. चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंड्स्ट्री (सीटीआई) ने दिल्ली को टॉप 5 की सूची में लाने के लिए एक मुहिम चलाने का निर्णय लिया है.
इसके तहत सीटीआई दिल्ली, केंद्र सरकार, एमसीडी और डीडीए के साथ बैठक कर सभी से आपसी समन्वय बनाने के लिए गुजारिश करेगी और बड़े व्यापारिक संगठनों और विशेषज्ञों की मदद से सभी को एक मंच पर लाने का प्रयास करते हुए एक प्रबल सिंगल विंडो सिस्टम लागू कराने का प्रयास करेगी.
आपसी खींचतान का असर पड़ा
सीटीआई के संयोजक बृजेश गोयल का कहना है कि केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और एमसीडी के बीच चल रही रस्साकस्सी का खामियाजा यहां की जनता के साथ-साथ व्यापारियों को भी भुगतना पड़ रहा है. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की श्रेणी में दिल्ली का लगातार पिछड़ना बेहद चिंताजनक विषय है और इसका मुख्य कारण दिल्ली में मल्टीपल एजेंसियां हैं.चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री का तर्क है कि दिल्ली में लैंडयूज संबंधी कंट्रोल डीडीए के पास है जबकि प्रॉपर्टी टैक्स, लेआउट प्लान, फैक्ट्री एवं ट्रेड लाइसेंस एमसीडी के पास है. लेबर, एनवायरमेंट, इंडस्ट्री, टैक्सेज आदि पर दिल्ली सरकार का कंट्रोल है. इन सभी में आपसी तालमेल नहीं होने की वजह से दिल्ली में अब तक सिंगल विंडो सिस्टम लागू नहीं हो सका है.
मांगेंगे मदद
सीटीआई के महासचिव रमेश आहूजा ने नई मुहिम के बारे में बताते हुए कहा कि हम लोग फिक्की, एसोचैम, सीआईआई और पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स से संपर्क कर उनसे भी मदद मांगेंगे.
उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास रहेगा कि विशेषज्ञों की देखरेख में हम केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार, डीडीए और एमसीडी के अधिकारियों तथा उसके प्रतिनिधियों को एक मंच पर लाएं और दिल्ली को व्यापार के मकसद से बेहतर स्थान बनाने के लिए एक मजबूत व सक्षम सिंगल विंडो सिस्टम तैयार कर सकें, जिससे कि व्यापारी को एक ही जगह से जरुरी चीजों की क्लियरेंस मिल जाए और बेहतर तालमेल की वजह से काम जल्द से जल्द पूरा हो सके.