
लोकसभा में साल 2016-17 के लिए आम बजट पेश होने के बाद दिल्ली सरकार ने केंद्र पर हमला बोला है. दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि बजट में दिल्ली सरकार को कोई मदद मुहैया नहीं कराया गया है. बीते साल की तरह ही इस बार भी दिल्ली को वही हिस्सा मिला, जो नाकाफी है.
बजट में दिल्ली को नहीं मिला वाजिब हक
सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली सरकार को कुल 973 करोड़ रुपये मिले हैं. इनमें टैक्स के हिस्से में 325 करोड़ रुपये मिले हैं. बीते साल भी यह इतना ही था. इसमें कोई बढ़ोतरी
नहीं की गई है. वहीं, सामान्य केंद्रीय मदद के मद में 412 करोड़ रुपये, आपदा प्रबंधन के लिए 5 करोड़ और सिख दंगा पीड़ितों की मदद के लिए 10 करोड़ रुपये दिल्ली को
दिए गए हैं. बाकी मदों में मिली रकम भी पहले की तरह ही है.
शिक्षा का बजट भी घटाया
बजट पर नाखुशी जताते हुए सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली देश की राजधानी है, यहां प्रधानमंत्री भी रहते हैं लेकिन बजट में इसके लिए कोई बात नहीं की गई. उन्होंने कहा कि
हमने केंद्र से डीजल गाड़ियों पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने को कहा था. बसों में ड्यूटी कम करने को कहा था ताकि पब्लिक ट्रांसपोर्ट मजबूत हो, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ.
सिसोदिया ने कहा कि देश में शिक्षा की बात हो रही है, लेकिन उसका बजट भी कम कर दिया गया.
किसानों की आमदनी कैसे दोगुनी होगी
सिसोदिया ने जेटली के भाषण पर अविश्वास जताते हुए कहा कि किसानों को 2016 से 17 तक क्या मिलेगा नहीं पता, तो फिर 2019 तक उनकी आमदनी कैसे दोगुनी हो
जाएगी? उन्होंने कहा कि हमने केंद्र को किसानों के लिए दो काम कहा था कि मिनिमम सपोर्ट बढ़ा दीजिये, लेकिन नहीं किया गया. हमने कहा था कि किसानों के लिए पैकेज
बना दीजिये ताकि वह मानसून की मार झेल सकें, लेकिन इसपर भी कुछ नहीं हुआ.
2019 तक कितने किसान आत्महत्या कर लेंगे
सिसोदिया ने आरोप लगाया कि बजट में किसानों की आत्महत्या पर कुछ नहीं हुआ. उस किसान के लिए जो 700 रुपए के लिए आत्महत्या कर रहा है, कोई बेल पैकेज नहीं
दिया गया. उन्होंने कहा कि 2022 तक ये सरकार रहेगी या नहीं पता नहीं, लेकिन 2019 तक न जाने कितने किसान आत्महत्या कर लेंगे.