
जून 2018 से दिल्ली में परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस पाने के लिए आवदेक को अब ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट देना होगा. इसके लिए हर आवेदक को शहर के 10 ऑटोमेटड टेस्ट केंद्रों पर नया मुश्किल ड्राइविंग स्किल टेस्ट देना होगा.
पहले से भी मुश्किल होगा टेस्ट
ये हाई-टेक ट्रैक टेस्ट पहले से भी मुश्किल होगा. आवेदक को स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए पहले इस टेस्ट को पूरा करना होगा.
8 डिजिट की शेप में होगा ट्रेक
इस टेस्ट के लिए ट्रैक को 8 डिजिट के शेप में बनाया जाएगा. टेस्ट को पूरा करने के लए 90 सेकंड का समय दिया जाएगा. 8 डिजिट के शेप में गाड़ी का एक चक्कर पूरा करना होगा.
पीछे की ओर चलाकर दिखानी होगी गाड़ी
आवेदक को रिवर्स S टेस्ट देना होगा. इसे पूरा करने के लिए 180 सेकंड का समय दिया जाएगा. आवेदक को गाड़ी पीछे की ओर चलाकर दिखानी होगी.
योग्य व्यक्ति को ही मिलेगा लाइसेंस
इस टेस्ट को ऐसे डिजाइन किया गया है, जिसके जरिए ट्रैक पर ठीक गाड़ी चलाने वालें योग्य व्यक्ति को ही परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस दिया जाएगा. इस प्रक्रिया से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि लापरवाही से ड्राइविंग करने वालों के कारण दिल्ली में दुर्घटनाओं की संख्या कम हो सके.
कहां-कहां बनेंगे ऑटोमेटेड ट्रैक?
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि चार ऑटोमेटेड ट्रैक दिल्ली परिवहन निगम के मौजूदा टर्मिनलों हौज खास, शकूर बस्ती, राजा गार्डन और हरि नगर में बनेंगे. रोहिणी, द्वारका और झड़ौद कलां में भी परिवहन विभाग की जमीन पर निर्माण किया जा रहा है. बाकि बड़ारी, सराय काले खान और लोनी रोड में होंगे.
बता दें कि रोड़ एक्सीडेंट के कारण पिछले 6 साल में दिल्ली में कम से कम 10 हजार लोगों की मौत हो गई है. लेकिन अब तक इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है कि कितने एक्सीडेंट तेज और खतरनाक ड्राइविंग के कारण हुए हैं.