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Exit Poll: देश के मोदी हैं नरेंद्र तो दिल्ली के 'मोदी' हैं अरविंद!

Delhi Election Exit Poll: एग्जिट पोल के नतीजे अगर आम आदमी पार्टी (AAP) की जीत के रूप में तब्दील होते हैं तो निश्चित रूप से यह अरविंद केजरीवाल की रणनीति की जीत होगी. केजरीवाल ने हर उस आरोप का इस्तेमाल कर लिया जो बीजेपी की तरफ से लगाए गए थे. ये ठीक वैसे ही था जैसा पीएम नरेंद्र मोदी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में किया था.

Delhi Election 2020 Exit Poll: अरविंद केजरीवाल (फोटो-PTI) Delhi Election 2020 Exit Poll: अरविंद केजरीवाल (फोटो-PTI)
वरुण शैलेश
  • नई दिल्ली,
  • 09 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 1:34 PM IST

  • केजरीवाल को निशाना बनाना BJP को कर गया बैक फायर
  • AAP मुखिया ने चुनावी अभियान में अपनाया मोदी स्टाइल
  • केजरीवाल ने सॉफ्ट हिन्दुत्व पर बीजेपी को ही दी पटकनी

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान के बाद एग्जिट पोल के अनुमान भी आ चुके हैं. एग्जिट पोल के नतीजे बताते हैं कि आम आदमी पार्टी फिर से दिल्ली में अपनी सफलता दोहराने जा रही है. अगर ऐसा होता है तो आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को एक बार फिर दिल्ली की कमान मिल जाएगी. यानी एग्जिट पोल के मुताबिक, दिल्ली की जनता ने दिल्ली में तो केजरीवाल वाले नारे पर मुहर लगा दी है.

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आजतक एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल के नतीजे अगर आम आदमी पार्टी  (AAP) की जीत के रूप में तब्दील होते हैं तो निश्चित रूप से यह अरविंद केजरीवाल की रणनीति की जीत होगी. अरविंद केजरीवाल के चुनावी कैम्पेन पर बारीक नजर डालें तो पता चलेगा कि उनकी टैक्टिस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रणनीति के रास्ते से ही होकर गुजरी है.

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अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी के हमले को उसके खिलाफ ही बैक फायर के रूप में इस्तेमाल किया. आम आदमी पार्टी की जीत होती है तो अरविंद केजरीवाल के खिलाफ हर हमला बीजेपी के लिए बैक फायर साबित होगा.

बीजेपी ने जिन-जिन मुद्दों पर अरविंद केजरीवाल को घेरने की कोशिश की, उन मुद्दों पर केजरीवाल खुद को उधर ही मोड़ते गए. बीजेपी की चाल उसके लिए उल्टा पड़ती गई. बीजेपी बैक फायर का शिकार हो गई और केजरीवाल उसे अपने फेवर में मोड़ते चले गए.  

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अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी के हिन्दुत्वादी कार्ड की काट के तौर पर खुद मंदिरों में जाना शुरू कर दिया. बल्कि चुनावी आगाज ही उन्होंने वाल्मिकी मंदिर जाने से किया. इससे उन्होंने दलित समाज को तो साधा ही बल्कि सॉफ्ट हिन्दुत्व को भी साध लिया.

हनुमान मंदिर गए और बीजेपी नेताओं से हनुमान चालीसा पढ़वाने की बात कही. बीजेपी ने भड़काऊ बयान देने के आरोप में गिरफ्तार जेएनयू के शरजील इमाम और शाहीन बाग को लेकर भी केजरीवाल को घेरने की कोशिश की. लेकिन इन मुद्दों पर भी केजरीवाल ने गेंद केंद्र की बीजेपी की सरकार के पाले में डाल दी.            

प्रचार का मोदी स्टाइल

केजरीवाल के प्रचार में मोदी स्टाइल की झलक देखने को मिली. लोकसभा चुनाव 2019 को याद कीजिए जब कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी ने 'चौकीदार चोर' है का नारा दिया तो पीएम मोदी ने 'देश का चौकीदार' कह कर पूरे कैम्पेन की दिशा मोड़ दी और बीजेपी के हर नेता ने अपने नाम के साथ 'मैं भी चौकीदार' जोड़ लिया.

केजरीवाल ने भी बीजेपी के हमलों का कुछ ऐसा ही जवाब दिया. बीजेपी सांसद परवेश वर्मा ने आतंकवादी कहा तो केजरीवाल ने जनता से कहा कि अगर मैं आतंकवादी हूं तो मुझे वोट मत देना, बीजेपी को दे देना, लेकिन अगर दिल्ली का बेटा मानते हो तो आम आदमी पार्टी को वोट देना.

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इतना ही नहीं, केजरीवाल ने अपनी पत्नी और बेटी को भी आगे कर दिया. केजरीवाल की बेटी ने दिल्ली की जनता से पूछा कि जो इंसान जनता के विकास के लिए काम कर रहा है, उसे कैसे आतंकवादी कहा जा सकता है. केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने भी बीजेपी के इस आरोप पर दुख जाहिर किया, जो एक भावुक मुद्दे के रूप में जनता के बीच गया.

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वहीं दूसरी तरफ केजरीवाल अपने पूरे चुनावी अभियान में यह कहते रहे कि आप जो भी वोट दे रहे हैं वो सीधे केजरीवाल को दे रहे हैं. आपका वोट सीधे केजरीवाल को जाएगा. केजरीवाल का यह प्रचार मोदी के उसी स्टाइल पर था जिसमें पीएम 2019 के पूरे चुनावी अभियान में दोहराते रहे कि आपका हर वोट मेरे पास आएगा. मोदी ने देश की रक्षा, आतंकवाद, चौकीदार जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया तो वहीं केजरीवाल विकास, मुफ्त बिजली, पानी, महिलाओं के लिए फ्री बस सेवा, शिक्षा और सीसीवीटी की बात दोहरता हुए नजर आए.

2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजों ने बताया कि मोदी के खिलाफ देश में कोई नहीं सुनता. वही स्थिति दिल्ली चुनाव में देखने को मिल सकती है अगर आम आदमी पार्टी जीत हासिल करने में कामयाब रहती है तो.आम आदमी पार्टी जीती तो कह सकते हैं कि दिल्ली में केजरीवाल के खिलाफ कोई नहीं सुनेगा जैसे राष्ट्रीय स्तर के दो चुनावों में मोदी के खिलाफ कुछ नहीं सुना गया. देश के मोदी हैं नरेंद्र तो दिल्ली के मोदी हैं अरविंद.

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