Advertisement

Delhi Elections 2020: 27 साल पहले बीजेपी ने रचे 4 रिकॉर्ड, जो फिर दोहरा नहीं सकी

दिल्ली में 1993 से अब तक भारतीय जनता पार्टी महज एक बार ही चुनाव जीत सकी है और भगवा पार्टी के लिए यह चुनाव कई मायनों में यादगार रहा था. तब के चुनाव में बीजेपी ने 4 ऐसे रिकॉर्ड बनाए थे जिसे वह आज तक नहीं तोड़ सकी है. क्या वह इस बार इसे तोड़ पाएगी.

क्या बीजेपी इस बार दिल्ली की सत्ता में वापसी कर पाएगी (फाइल फोटो) क्या बीजेपी इस बार दिल्ली की सत्ता में वापसी कर पाएगी (फाइल फोटो)
सुरेंद्र कुमार वर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 14 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 2:23 PM IST

  • 1993 के चुनाव में बीजेपी ने रचे थे 4 रिकॉर्ड
  • 27 साल में हुए 6 चुनावों में गिरता रहा प्रदर्शन
  • क्या AAP के रहते बीजेपी तोड़ पाएगी रिकॉर्ड

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) 27 साल बाद दिल्ली (Delhi Elections 2020) में दूसरी बार पूर्ण बहुमत हासिल करने की जुगत में लगी है, लेकिन उसके सामने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी है जो उसे कड़ी टक्कर दे रही है. बीजेपी का लक्ष्य इस बार न सिर्फ बहुमत के साथ जीत पर होगा बल्कि उन 4 रिकॉर्डों पर भी नजर रहेगी जो 27 साल पहले बने थे, लेकिन आज तक इसे सुधार नहीं सकी.

Advertisement

भारतीय जनता पार्टी जहां 27 साल बाद दिल्ली विधानसभा चुनाव में फिर से जीत हासिल करने को लेकर जबर्दस्त मेहनत कर रही हो, लेकिन इस बार भी उसकी राह आसान नहीं दिख रही. उसके सामने अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी मजबूत चुनौती दे रही है. केजरीवाल ने दिल्ली की जनता के लिए जिस तरह से कई लोक-लुभावनी योजनाएं चला रखी हैं, ऐसे में बीजेपी के लिए यहां राह आसान नहीं दिख रही.

दिल्ली में 1993 से अब तक भारतीय जनता पार्टी महज एक बार ही चुनाव जीत सकी है और भगवा पार्टी के लिए यह चुनाव कई मायनों में यादगार रहा था. तब के चुनाव में बीजेपी ने 4 ऐसे रिकॉर्ड बनाए थे जिसे वह आज तक नहीं तोड़ सकी है.

पहलाः सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड

1993 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने सभी 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे और 70 में से उसके 49 उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी. दिल्ली में हए पिछले 6 चुनावों के लिहाज से देखा जाए तो बीजेपी का यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा था.

Advertisement

इसके बाद हुए चुनावों में भारतीय जनता पार्टी कभी भी इस आंकड़े (49) के करीब नहीं पहुंच सकी. सबसे ज्यादा सीट हासिल करने के लिहाज से 1993 के बाद 2013 में बीजेपी ने दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया जिसमें उसे 31 सीटें हासिल हुई और बहुमत से महज 4 सीट दूर होने के बावजूद भी सरकार नहीं बना सकी थी.

बीजेपी को 1998 में 15, 2003 में 20 और 2008 में 23 सीट हासिल हुई थी, जबकि 2015 के चुनाव में उसे महज 3 (2017 में 1 सीट उपचुनाव के जरिए जीती) सीट ही हासिल हुई थी.

दूसराः 65 सीटों पर टॉप 2 पर बीजेपी

भारतीय जनता पार्टी ने 1993 के चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया था और 49 सीट जीतने के अलावा 16 सीटों पर नंबर टू रही थी. यानी 65 सीटों पर उसकी उपस्थिति शीर्ष 2 में रही.

2015 के विधानसभा चुनाव में भी वह 65 सीटों पर नंबर टू रही, लेकिन जीत महज 3 सीटों पर मिली जबकि 62 सीटों पर नंबर टू रहते हुए संतोष करना पड़ा. हालांकि 2017 के उपचुनाव में बीजेपी ने राजौरी गार्डन सीट अपने नाम कर लिया था. इस लिहाज से अब बीजेपी के 66 सीटों पर शीर्ष 2 पर है, लेकिन उसके खाते में महज 4 सीट ही हैं.

Advertisement

तीसराः जमानत कहीं नहीं हुई जब्त

1993 का चुनाव भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लिए इस मायने में भी खास रहा था कि उसके सभी उम्मीदवार अपनी-अपनी जमानत बचाने में कामयाब रहे थे. जमानत बचाने के लिहाज से देखें तो यह बीजेपी का पहला और आखिरी चुनाव था जिसमें उसके सभी 70 उम्मीदवार अपनी जमानत बचाने में कामयाब रहे थे.

जमानत जब्त होने के आधार पर देखा जाए तो बीजेपी के लिए 2003 का चुनाव बेहद खराब रहा क्योंकि 70 में से उसके 7 उम्मीदवार अपनी जमानत नहीं बचा सके. 2008 के विधानसभा चुनाव में 4 बीजेपी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई थी. इसके अलावा 1998, 2013 और 2015 के चुनावों में 2-2 बीजेपी उम्मीदवार अपनी-अपनी जमानत नहीं बचा सके थे.

चौथाः सबसे ज्यादा मिले वोट

1993 से अब तक हुए 6 विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के लिए प्रदर्शन में लगातार गिरावट ही देखी गई है. 1993 में उसे पूरे चुनाव में 42.8 फीसदी वोट हासिल हुए थे जो अब तक सभी चुनावों में उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. यह पहला और आखिरी चुनाव है जिसमें बीजेपी को 40 फीसदी से ज्यादा मत हासिल हुए थे.

अन्य विधानसभा चुनावों में बीजेपी के प्रदर्शन पर नजर डालें तो 1993 के बाद 2008 के चुनाव में बीजेपी को सबसे ज्यादा 36.3 फीसदा वोट मिले थे. 2003 में उसे 35.2 फीसदी वोट मिले. इन 3 चुनावों के अन्य 1998 (34.0 फीसदी), 2013 (33.3 फीसदी) और 2015 (32.3 फीसदी) के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को 35 फीसदी से कम वोट हासिल हुए थे.

Advertisement

कब होगा मतदान?

दिल्ली की पहली विधानसभा का गठन नवंबर 1993 में हुआ था. इससे पहले दिल्ली में मंत्रीपरिषद हुआ करती थी.

दिल्ली विधानसभा चुनाव की नामांकन की प्रक्रिया आज मंगलवार से शुरू हो रही है, जो 21 जनवरी तक चलेगी. उम्मीदवार सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक नामांकन पत्र दाखिल कर सकेंगे. नामांकन पत्रों की जांच 22 जनवरी को होगी जबकि नाम वापस लेने की आखिरी तारीख 24 जनवरी है. दिल्ली की सभी 70 सीटों पर 8 फरवरी को मतदान होंगे और नतीजे 11 फरवरी को आएंगे.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement