
दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार में लगातार विवादित और भड़काऊ भाषण सुनने को मिल रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी के अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के द्वारा पिछले दिनों में जो बयान दिए गए उनपर चुनाव आयोग ने सख्त रुख अपनाया है. चुनाव आयोग की ओर से दोनों नेताओं को पार्टी की स्टार प्रचारकों की लिस्ट से बाहर कर दिया गया है. हालांकि, अभी भी एक सवाल उठ रहा है कि क्या अभी भी ये दोनों नेता दिल्ली में प्रचार कर सकते हैं या नहीं? इस मुद्दे को समझें...
क्या कहते हैं चुनाव आयोग के नियम?
चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक, एक राजनीतिक दल की ओर से चुनाव से पहले स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की जाती है. जिसमें पार्टी की ओर से मुख्य रूप से प्रचार करने वाले नेता शामिल रहते हैं, इन सभी नेताओं की रैली, रोड शो या फिर किसी भी प्रचार के खर्च को पार्टी से जुड़े खर्च में डाला जाता है.
यानी जो भी सुविधाएं इन मेंबर्स को दी जाती हैं उनका खर्च पार्टी उठाती है. फिर चाहे वो किसी को हेलिकॉप्टर हो, गाड़ी, रोड शो, रैली या अन्य कोई भी सुविधा हो.
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अगर कोई भी स्टार प्रचारक किसी उम्मीदवार के लिए प्रचार करता है और उस रैली या रोड शो में वह स्थानीय उम्मीदवार भी मौजूद रहता है तो फिर पूरे आयोजन का 50 फीसदी हिस्सा उम्मीदवार के खर्च में जोड़ा जाता है. बता दें कि विधानसभा चुनावों में एक उम्मीदवार 28 लाख रुपये से अधिक खर्च नहीं कर सकता है. लोकसभा चुनावों में ये सीमा 70 लाख रुपये तक होती है.
स्टार प्रचारक की लिस्ट से बाहर होने का मतलब
भड़काऊ बयान पर एक्शन लेते हुए प्रवेश वर्मा, अनुराग ठाकुर को स्टार प्रचारकों की लिस्ट से हटाया गया है. यानी अब स्टार प्रचारकों को जो सुविधाएं मिलती हैं वो इन दोनों नेताओं को नहीं मिलेंगी. हालांकि, अभी भी वह प्रचार-प्रसार कर सकते हैं. लेकिन अगर कोई उम्मीदवार दोनों नेताओं को प्रचार के लिए बुलाता है तो उसे चुनाव आयोग की परमिशन लेनी होगी और साथ ही इससे जुड़ा पूरा खर्च उम्मीदवार खर्च में जोड़ा जाएगा. यानी ये खर्च 28 लाख के अंदर ही जोड़ा जाएगा.
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दोनों नेताओं के क्या थे बयान?
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा की ओर से दिल्ली चुनाव में भड़काऊ बयानबाजी की गई. अनुराग ठाकुर ने एक ओर ‘देश के गद्दारों को, गोली मारो...’ के नारे लगवाए तो वहीं प्रवेश वर्मा ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को आतंकवादी बताया, शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों के बारे में भी विवादित बयान दिया.