
दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन पेशे से आर्किटेक्ट हैं. सत्येंद्र को केजरीवाल का काफी करीबी नेता माना जाता है. यही वजह है कि केजरीवाल की छोटी कैबिनेट में उन्हें बड़ी जिम्मेदारियां मिली हुई थीं. सत्येंद्र जैन ने अन्ना आंदोलन में भी अहम भूमिका निभाई थी. जिसके बाद जैन आम आदमी पार्टी से जुड़ गए थे.
साल 2013 में चुनाव जीतने के बाद केजरीवाल की पहली कैबिनेट में जैन को स्वास्थ्य और उद्योग मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. उनका यह कार्यकाल सिर्फ 49 दिन (28 दिसंबर 2013 से 14 फरवरी 2014 तक) ही चल सका क्योंकि उसके बाद सरकार ही गिर गई थी. सत्येन्द्र जैन शकूर बस्ती विधानसभा सीट से 2015 में चुनाव जीते थे. आम आदमी पार्टी ने इस बार भी उन्हें शकूर बस्ती विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा है.
मोहल्ला क्लीनिक तैयार करने में निभाई अहम भूमिका
2015 में दोबारा जीतने पर जैन को स्वास्थ्य सहित कई और महत्वपूर्ण मंत्रालय भी दिए गए. स्वास्थ्य के अलावा उनके पास उद्योग, गृह, पीडब्ल्यूडी, बिजली, शहरी विकास और परिवहन जैसे विभाग भी थे. वह कई सामाजिक संगठनों से भी जुड़े हुए हैं. दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक की योजना को तैयार कराने व उसे मूर्तरूप देने में उनकी अहम भूमिका रही है.
यूपी के बागपत जिले में हुआ सत्येंद्र जैन का जन्म
सत्येंद्र जैन का जन्म 3 अक्टूबर 1964 को यूपी के बागपत जिले में हुआ था. सत्येंद्र जैन के पिता उनके जन्म के बाद बागपत से दिल्ली आ गए थे. सत्येंद्र जैन उत्तर-पश्चिम दिल्ली के सरस्वती विहार इलाके में रहते हैं. फिलहाल उनका परिवार सिवल लाइन्स में मिले सरकारी बंगले में रह रहा है.
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विवादों से भी घिरे रहे हैं सत्येंद्र जैन
कपिल मिश्रा ने केजरीवाल के साथ ही साथ सत्येंद्र जैन पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. जैन पर अधिकारों के दुरुपयोग के भी कई आरोप लग चुके हैं. सत्येंद्र जैन की बेटी सौम्या जैन को मोहल्ला क्लिनिक के लिए सलाहकार नियुक्त किए जाने के मामले ने भी काफी तूल पकड़ा था. इस मामले की जांच सीबीआई तक को दी गई थी.
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इसके अलावा जैन पर आरोप था कि अनुभवहीन लोगों को बेहतरीन कह कर पीडब्लयूडी में क्रिएटिव टीम में लाया गया था. आरोप के मुताबिक लगभग दो दर्जन लोगों को बिना अनुमति के बड़ी-बड़ी रकम की सैलरी के तौर पर दी गई, जिसके चलते सरकार को करोड़ों का घाटा हुआ था. इतना ही नहीं, एलजी से भी इस टीम को बनाने की अनुमति नहीं ली गई थी. इस मामले में सीबीआई ने उनके छापेमारी की थी. जिसके बाद काफी विवाद बढ़ गया था.
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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी धन शोधन के एक मामले में दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य एवं ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन से पूछताछ कर चुकी है. ईडी ने 3 अप्रैल 2018 को कथित अवैध आय के मामले में आप नेता जैन से 5 घंटे लंबी पूछताछ की थी. दरअसल सीबीआई में आप नेता के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को संज्ञान में लेते हुए ईडी ने अगस्त 2017 में जैन और पांच अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.