
दिल्ली (Delhi Elections 2020) में तिलक नगर विधानसभा सीट भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस के बीच टक्कर वाली सीट रही है, लेकिन 2013 के चुनाव से इस पर आम आदमी पार्टी के जरनैल सिंह का कब्जा है. दिल्ली में 1993 से विधानसभा के लिए चुनाव हो रहे हैं. पहले विधानसभा चुनाव 1993 में इस सीट पर बीजेपी के ओ.पी. बब्बर जीत हासिल करने में कामयाब रहे.
मगर 1998 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के जसपाल सिंह ने बीजेपी के ओ.पी. बब्बर को मात देने में कामयाब रहे. लेकिन अगले दो विधानसभा चुनावों 2003 और 2008 में इस सीट पर बीजेपी का कब्जा रहा और ओ.पी. बब्बर लगातार चुनाव जीतते रहे, कांग्रेस को फिर कभी सफलता नहीं मिली. अन्ना आंदोलन के बाद आम आदमी पार्टी का गठन हुआ और 2013 के विधानसभा चुनावों में इस पार्टी को जीत मिली और जरनैल सिंह विधायक चुने गए.
त्रिकोणीय बनाया मुकाबला
बता दें कि वर्ष 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले ही ‘AAP’ का गठन हुआ था और उस चुनाव में दिल्ली में पहली बार त्रिकोणीय संघर्ष हुआ जिसमें 15 वर्ष से सत्ता पर काबिज कांग्रेस 70 में से केवल आठ सीटें जीत पाई जबकि बीजेपी सरकार बनाने से केवल चार कदम दूर मतलब 32 सीटों पर अटक गई. ‘AAP’ को 28 सीटें मिलीं और शेष दो अन्य के खाते में रहीं.
बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के प्रयास में कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को समर्थन दिया और केजरीवाल ने सरकार बनाई. लोकपाल को लेकर दोनों पार्टियों के बीच ठन गई और केजरीवाल ने 49 दिन पुरानी सरकार से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगा और फरवरी 2015 में आम आदमी पार्टी ने सभी राजनीतिक पंडितों के अनुमानों को झुठलाते हुए 70 में से 67 सीटें जीतीं.
बीजेपी तीन पर सिमट गई जबकि कांग्रेस की झोली पूरी तरह खाली रह गई. 2015 की जिन 67 सीटों पर आम आदमी पार्टी ने जीत हासिल की उनमें तिलकनगर की सीट भी शामिल थी और जरनैल सिंह दोबारा विधानसभा के लिए चुने गए.
कांग्रेस-बीजेपी के वोटबैंक में AAP की सेंधमारी
2015 के चुनानों में आम आदमी पार्टी के जरनैल को 57,180 (55.10%) वोट मिले जबकि दूसरे स्थान पर रहने वाली बीजेपी के उम्मीदवार राजीव बब्बर को 37,290 (35.93%) वोट मिले. कांग्रेस उम्मीदवार दुली चंद लोहिया को 7,303 (7.04%) वोटों से संतोष करना पड़ा. वोटों का गणित बताता है कि 2015 के चुनावों में कांग्रेस का वोट आम आदमी पार्टी को शिफ्ट हो गया.
2013 के विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी के जरनैल सिंह को 34,993 (39.27%) वोटों के साथ विजयी रहे थे. बीजेपी के राजीव बब्बर को 32,405 (36.90%) वोट मिले थे जबकि कांग्रेस उम्मीदवार अमृता धवन को 19,117 (21.77%) वोट मिले. 2013 और 2015 के वोटों का आंकड़ा बताता है कि कांग्रेस अधिकतम वोट आम आदमी पार्टी को गया जबकि 2013 में बीजेपी के उम्मीदवार को वोट देने वाले कुछ मतदाताओं ने 2015 में आम आदमी पार्टी की तरफ शिफ्ट हुए.
इस बार कौन बनेगा तिलक नगर का प्रतिनिधि
दिल्ली की पहली विधानसभा का गठन नवंबर 1993 में हुआ था. इससे पहले दिल्ली में मंत्रीपरिषद हुआ करती थी. 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा के लिए 8 फरवरी को वोट डाले जाएंगे जबकि 11 फरवरी को मतगणना होगी और उसी दिन पता चलेगा कि इस बार तिलक नगर की जनता दिल्ली विधानसभा के लिए किस पार्टी के उम्मीदवार को अपना प्रतिनिधि बनाती है. मौजूदा दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 22 फरवरी 2020 को समाप्त हो रहा है.