
दिल्ली में वायु प्रदूषण को देखते हुए साउथ एमसीडी ने गुरुवार को ई-कारों को अपने बेड़े में शामिल किया है. आपको बता दें कि अपने अधिकारियों के लिए इलेक्ट्रिक कारें इस्तेमाल करने वाली साउथ एमसीडी दिल्ली की पहली कॉर्पोरेशन बन गई है.
साउथ एमसीडी ने गुरुवार को 32 ई-कारों को अपने बेड़े में शामिल किया. उत्तर पूर्वी दिल्ली से सांसद और दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने इन ई-कारों को हरी झंडी दिखाई. इस मौके पर तिवारी ने कहा कि भले ही दिल्ली सरकार ने ग्रीन टैक्स से जमा करोड़ों रुपयों का इस्तेमाल नहीं किया लेकिन साउथ एमसीडी ने बिना किसी की सहायता से ई-कारों को अपने बेड़े में शामिल कर एक मिसाल पेश की है.
मेयर कमलजीत सहरावत ने कहा कि दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए निगम ने ई-कारों का उपयोग करने का फैसला लिया था. इसके तहत इन ई-कारों को निगम के बेड़े में शामिल किया जा रहा है, ये कारें एक बार चार्ज होने पर 120 किलोमीटर चल सकती हैं. इससे जहां एक ओर वायु प्रदूषण में तो कमी आएगी ही वहीं एमसीडी का आधिकारिक वाहनों पर होने वाला खर्चा भी कम हो जाएगा.
आपको बता दें कि फिलहाल इन ई-कारों को 40,000 रु प्रति माह के किराये पर लिया गया है जिसमें इनकी मेंटेनेंस, खराबी को दुरूस्त करना और ड्राइवर की सैलरी शामिल है.
पर्यावरण हितैषी कदम
साउथ एमसीडी कमिश्नर पीके गोयल ने बताया कि ये ई-कारें पर्यावरण हितैषी हैं. इनसे हर साल करीब 1.65 लाख लीटर ईंधन की तो बचत होगी ही, साथ ही वातावरण में 2100 टन कार्बन डाइ ऑक्साइड का उत्सर्जन भी नहीं होगा. इस तरह साउथ एमसीडी प्रदूषण पर लगाम लगाकर दिल्लीवालों को साफ हवा में सांस लेने में मदद करेगी.
कमिश्नर पुनीत कुमार गोयल ने बताया कि भविष्य में साउथ एमसीडी अब कोई और ईंधन से चलने वाला वाहन नहीं खरीदेगा और ना ही टैक्सियों का इस्तेमाल करेगा क्योंकि ई-कार सिर्फ 89 पैसे प्रति किलोमीटर की दर से चलती है.