
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आम आदमी पार्टी सरकार में नियुक्त किए गए 9 एडवाइज़रों की नियुक्ति बर्खास्त करने को सही और न्यायोचित कदम बताया है.
गुप्ता ने इस मसले पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि उपमुख्यमंत्री इनके द्वारा किये जा रहे कामों की बात कर असली मुद्दे से ध्यान भटका रहे हैं. विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि शुंगलू कमेटी ने सबसे पहले इन एडवाइज़रों की नियुक्तियों पर सवाल उठाए थे जिसके बाद से ही ये मामला प्रशासनिक स्तर पर चल रहा था.
गुप्ता ने आरोप लगाया कि बिना सृजित पदो के, बिना भर्ती नियमों के और बिना वित्तीय विभाग की स्वीकृति के इन्हें कुछ समय के लिए ही सही लेकिन सीधे नियुक्त किया गया था. विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया कि सरकार में आने से पहले ये सभी एडवाइज़र आम आदमी पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता थे. इनकी नियुक्तियां इसी राजनीतिक संबंधों के चलते की गई थी. गुप्ता ने आरोप लगाया कि सरकार में आने के बाद भी ये सभी लोग आम आदमी पार्टी में राजनीतिक पदों पर बने हुए थे.
विजेंद्र गुप्ता यहीं नहीं रुके. उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी सरकार ने नियमों का उल्लंघन करते हुए इन्हें भारी भरकम वेतन, गाड़ी, मकान, कार्यालय, मोबाइल और लैंडलाइन फोन आदि की सुविधाएं दे रखी थीं. दिल्ली सरकार के कैबिनेट ने इन्हें राजनीतिक कार्यों का पुरस्कार देते हुए सरकारी पदों पर नियुक्त किया था, जबकि ये पद सरकार में स्वीकृत ही नहीं थे और ना ही कैबिनेट ने इनकी नियुक्तियां करते समय सक्षम अधिकारी से इस बात की इजाज़त ली थी.