
दिल्ली की केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल नजीब जंग के बीच कार्यकारी सचिव शकुंतला गैमलिन की नियुक्ति से शुरू हुआ विवाद बढ़ता जा रहा है. दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने LG पर चिट्ठी लीक करने का आरोप लगाकर इस विवाद को और हवा दे दी है.
राजेंद्र कुमार की नियुक्ति रद्द
इससे पहले उपराज्यपाल नजीब जंग ने सेक्रेटरी (सर्विसेस) के पद पर राजेंद्र कुमार की नियुक्ति को रद्द कर दिया. बताया जाता है कि उन्होंने इस आदेश की कॉपी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और प्रिंसिपल सेक्रेटरी को भेजी है.
हालांकि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि उन्हें ऐसा कोई आदेश एलजी की ओर से नहीं मिला.
सरकार ने लगवाया मजूमदार के दफ्तर पर ताला
इससे पहले दिल्ली के उपराज्यपाल से अपनी 'जंग' को बढ़ाते हुए केजरीवाल सरकार ने प्रिंसिपल सेक्रेटरी (सर्विसेस) अनिंदो मजूमदार के दफ्तर में सोमवार को ताला लगवा दिया. दिल्ली सचिवालय की सातवीं मंजिल पर मजूमदार का दफ्तर है.
याद रहे कि मजूमदार ने ही उपराज्यपाल नजीब जंब की सिफारिश के बाद शकुंतला गैमलिन की कार्यकारी सचिव के पद पर नियुक्ति का आदेश जारी किया था.
इससे नाराज दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने शनिवार को मजूमदार को पद से हटाने का आदेश जारी किया और उनकी जगह राजेंद्र कुमार को नियुक्त किया. लेकिन उपराज्यपाल खुलकर मजूमदार के पक्ष में उतर आए. उन्होंने दिल्ली सरकार के उस आदेश को निरस्त करते हुए मजूमदार को उनके पद पर बनाए रखा.
मजूमदार का पक्ष लेते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंदर सिंह ने कहा कि ऐसी घटनाओं का सभी अधिकारियों पर असर पड़ता है. उन्होंने कहा, 'डीओपीटी की नियुक्तियां नियमों के मुताबिक और पारदर्शी होती हैं. मैं सभी से प्रशासनिक अधिकारियों का सम्मान करने की विनती करता हूं.'