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दिल्ली सरकार ने प्रदूषण से मुकाबले के लिए लिया 'तोप' का सहारा

बुधवार को आनंद विहार के एयर मॉनिटरिंग सिस्टम पर इस तोप का ट्रायल किया गया. इसके पहले और इसके इस्तेमाल के बाद वायु प्रदूषण का सारा डाटा जमा किया जा रहा है.

स्मॉग गन स्मॉग गन
दिनेश अग्रहरि/आशुतोष मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 20 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 1:28 PM IST

 दिल्ली सरकार ने अब राजधानी में प्रदूषण और स्मॉग से लड़ने के लिए तोप का सहारा लिया है. इस तोप का नाम है एंटी स्मॉग गन. बुधवार को आनंद विहार के एयर मॉनिटरिंग सिस्टम पर इस तोप का ट्रायल किया गया. इसके पहले और इसके इस्तेमाल के बाद वायु प्रदूषण का सारा डाटा जमा किया जा रहा है.

शुरू के दो घंटों में हवा में बहुत मामूली सुधार दर्ज की गई. फिलहाल इस मशीन का इस्तेमाल दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में करके हवा की गुणवत्ता में हुए बदलाव को नापा जाएगा और अगर तकनीक कारगर हुई तो जल्द ही राजधानी को जहरीली हवा से निपटने के लिए सचमुच एक तोप मिल जाएगी. ट्रायल के लिए आनंद विहार को इसलिए चुना गया, क्योंकि यह इलाका दिल्ली और गाजियाबाद के सीमा पर मौजूद है और प्रदूषण के मामले में दिल्ली के सभी इलाकों को पीछे छोड़ देता है.

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भारत में यह तकनीक और यह नाम भले नया है, लेकिन दुनिया के कुछ देशों में एंटी स्मॉग गन ने अपना करतब दिखाया है. चीन ने बीजिंग की हवा में घुला जहर को इसी तरह के एंटी स्मोक गन का इस्तेमाल करके खत्म कर दिया था.

 इस आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके हवा में घुली प्रदूषण फैलाने वाले कणों को खत्म करने की कोशिश की जाती है.  

कैसे काम करती है एंटी स्मॉग गन?

चीन में इस्तेमाल हुई एंटी स्मॉग गन की तर्ज पर बनी इस देसी स्मॉग गन में एक कैनन यूनिट है और एक पानी का टैंक. पानी के टैंक से पानी को कैनन यूनिट तक पहुंचाया जाता है और फिर कैनन यूनिट में पीछे की तरफ लगे पंखे भारी प्रेशर पैदा करते हैं जिससे पानी की महीन बौछार बड़ी ही तेजी से हवा में ऊंचाई पर फेंकी जाती है. ट्रायल के लिए इस्तेमाल होने वाली इस एंटी स्मॉग गन से हवा में 40 से 50 मीटर तक नमी की बौछार की जा सकती है, जिससे हवा में फैले धूल के कण समेत तमाम प्रदूषण फैलाने वाले पदार्थ पानी की मशीन बौछारों के साथ जमीन पर गिर जाते हैं.

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हालांकि बीजिंग में जिस एंटी स्मॉग गन का इस्तेमाल किया गया, यह मशीन उसके सामने सिर्फ जुगाड़ नजर आती है. तकनीक भले ही वही हो, लेकिन इसमें अभी काफी बदलाव की जरूरत है. हरियाणा के यमुनानगर में इस एंटी स्मॉग गन को बनाने वाले सुशांत सैनी कहते हैं की जरूरत के हिसाब से इस मशीन को ऑटोमेटिक भी बनाया जा सकता है और साथ ही इसकी क्षमता को भी बढ़ाया जा सकता है. बड़े स्तर पर ट्रायल के लिए इस मशीन में 12000 लीटर की पानी की टंकी लगाई जाएगी और साथ ही बौछार करने वाले कैनन को रिमोट के जरिए 360 डिग्री तक घुमाया जा सकेगा.   

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने बताया कि इस मशीन के ट्रायल के नतीजे अगर सफल हुए तो सरकार जल्दी ही ऐसी मशीनों को राजधानी की हर सड़क पर दौड़ाएगी.

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