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दिल्ली सरकार ने बुधवार को बजट पेश किया है. बजट में सरकार ने सबसे ज्यादा जोर शिक्षा पर दिया. शिक्षा को लेकर सरकार अपनी प्रतिबद्धता बार बार बताती है. लेकिन क्या वाकई दिल्ली के स्कूलों में शिक्षा का स्तर बढ़ा है? क्या वाकई स्कूलों में नए क्लास रूम बनें है ? जब स्कूलों की रिएलिटी देखी गई तो हालात जुदा नजर आए.
दिल्ली सरकार ने करीब 48 हजार करोड़ रु का बजट पास किया. जिसमें 11,600 करोड़ शिक्षा के क्षेत्र में खर्च करने की घोषणा की. सरकार का दावा है कि उन्होंने बीते दो सालों में 8000 नए क्लास रुम खोले हैं. साथ ही दिल्ली के स्कूलों में कंप्यूटर लैब खोलने का भी दावा किया गया है.
स्कूल में नहीं कंप्यूटर लैब
दिल्ली से 40 किलोमीटर दूर कादीपुर गांव के सरकारी स्कूल में करीब 2200 बच्चे पढ़ते हैं.
इस स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं ने कहा कि यहां पढ़ाई अच्छी होती है. मगर किसी नए क्लास रुम का निर्माण नहीं हुआ है. साथ ही कंप्यूटर लैब भी अब तक यहां पर नहीं बनी है.
नहीं बने नए क्लासरूम
खेड़ा गांव के सरकारी स्कूल में भी हालात अच्छे नहीं दिखे. छात्रों ने बताया कि स्कूल में नए क्लासरूम नहीं बने. हालांकि 40 फीसदी से कम नंबर वाले छात्रों के लिए अलग से क्लास शुरू की गई है. नए क्लासरूम यहां नहीं बने हैं. हालांकि नई कंप्यूटर लैब खोली जा चुकी हैं.
अलीपुर गांव में दिल्ली सरकार के दो स्कूल हैं. ये वही स्कूल हैं जहां दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अचानक दौरा किया था. स्कूल के बच्चों का कहना है कि मनीष सिसोदिया के आने के बाद स्कूल में कंप्यूटर लैब चल रही थी, मगर अब वो धूल खा रही है.