
नए साल की शुरुआत में दिल्ली सरकार ने 15 दिनों तक ऑड-इवन प्रयोग को कामयाब बनाने के लिए 20 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए हैं. सबसे ज्यादा रकम पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ाने के लिए किराए की बसों में खर्च हुई. इन बसों पर 14 करोड़ रुपये खर्च हुए. 3.5 करोड़ रुपये नागरिक सुरक्षा के लिए वॉलंटियर्स पर खर्च किए गए.
विज्ञापन, बसों और पर खर्च हुई बड़ी रकम
दिल्ली सरकार के सूत्रों के मुताबिक अन्य चार करोड़ रुपये इस स्कीम के विज्ञापन पर खर्च हुए हैं. 3 करोड़ रुपये इसके प्रमोशन पर और एक करोड़ रुपये थैंक्सगिविंग विज्ञापन पर खर्च किए गए. दिल्ली सरकार के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि 'दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ने 1,200 अतिरिक्त बसों को किराये पर लिया था. इन बसों को 42 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से रखा गया था. कॉरपोरेशन ने कहा था कि कम से कम एक दिन में वह 225 किलोमीटर का भुगतान करेगा.' यह स्कीम रविवार को लागू नहीं होती थी.
विज्ञापन पर हुए खर्च को बताया जरूरी
कॉरपोरेशन को 1,200 बसों से हर दिन 23 लाख की कमाई हुई जो कि कुल 3.5 करोड़ तक गई. सरकार को दो करोड़ रुपये चालान से मिले. सूत्रों के मुताबिक ऑपरेटरों को ट्रांसपोर्ट विभाग द्वारा भुगतान किया जाएगा. सरकार के सूत्रों का कहना है कि विज्ञापन पर खर्च करना जरूरी था क्योंकि यह स्कीम पहली बार लागू की जा रही थी और लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए यह जरूरी था.
वॉलेनटिअर्स पर खर्च हुए 3.5 करोड़
शुरुआत में प्रिंट, टेलिविजन, रेडियो और होर्डिंग के विज्ञापन के जरिए बड़े पैमाने पर पैसे खर्च किए गए. पूरी दिल्ली में 15 दिनों के लिए विज्ञापन के लिए स्पेस की बुकिंग की गई थी. एक अधिकारी ने बताया कि जागरूकता पर कुल 3 करोड़ रुपये खर्च हुए. सिविल डिफेंस वॉलेनटिअर्स ट्रैफिक पुलिस को मदद कर रहे थे और बसों के बाद सबसे बड़ी रकम इन्हीं पर खर्च हुई है. एक अधिकारी ने बताया कि 5,000 वॉलनटिअर्स को लगाया गया था और प्रत्येक को 13 दिनों तक हर दिन 500 रुपये का भुगतान किया गया.