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मनी लांड्रिंग केस में फंसे मोईन कुरैशी को 4 दिन की ED कस्टडी

सुनवाई के दौरान ईडी ने कोर्ट को बताया कि अभी कुरैशी की पुलिस कस्टडी 9 दिन के लिए बढ़ाने की जरूरत है, क्योंकि जिन सरकारी कर्मचारियों को उसने रिश्वत दी है उनको अभी पहचानना जाना बाकी है. इसके अलावा अभी तक की 5 दिन की ईडी की कस्टडी में उन्होंने 12 करोड़ की मनी ट्रेल का पता लगा है, जिन पर अभी काम करना बाकी है.

मोईन कुरैशी मोईन कुरैशी
अंकुर कुमार/पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 31 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 7:02 PM IST

मनी लांड्रिंग केस में फंसे आरोपी मीट व्यापारी मोईन कुरैशी को ईडी ने दोबारा पटियाला हाउस कोर्ट मे पेश किया. 5 दिन की कस्टडी खत्म होने के बाद मोईन कुरैशी को 4 दिन की ईडी कस्टडी मे दोबारा भेज दिया गया है. सुनवाई के दौरान ईडी ने कोर्ट को बताया कि अभी कुरैशी की पुलिस कस्टडी 9 दिन के लिए बढ़ाने की जरूरत है, क्योंकि जिन सरकारी कर्मचारियों को उसने रिश्वत दी है उनको अभी पहचानना जाना बाकी है. इसके अलावा अभी तक की 5 दिन की ईडी की कस्टडी में उन्होंने 12 करोड़ की मनी ट्रेल का पता लगा है, जिन पर अभी काम करना बाकी है.

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ईडी ने 12 करोड़ की मनीट्रेल में पैसे के लेन देन के 3 मामलों के बारे में अभी तक कोर्ट को बताया है. एक मामले में 8 करोड़, दूसरे मे करीब सवा दो करोड़ और तीसरे में एक करोड़ 75 लाख की ट्रांसजेक्शन की गई. ईडी ने कोर्ट को बताया है कि मनी लॉन्ड्रिंग के पैसे से कुछ प्रॉपर्टीज ख़रीदी गयी हैं, जिनको लेकर पुलिस कस्टडी में पूछताछ  जरूरी है. कुछ शेल कंपनियों के जरिये भी पैसे को एक जगह से दूसरे पहुंचाया गया, ये कंपनी सिर्फ़ कागजों पर हैं और पैसे को एक जगह से दूसरी जगह भेजा गया है.

वहीं मोईन कुरैशी के वकीलों ने अपने बचाव मे कहा कि अगर ये सभी दस्तावेज 2011 से सीबीआई और ईडी के पास थे तो कारवाई में इतनी देरी से क्यों की गई और जब सब पेपर्स पर है तो फिर इस मामले मे ईडी को कस्टडी की क्या जरूरत है. लिहाज़ा मोइन कुरैशी को ज़मानत पर रिहा किया जाना चाहिए.

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ईडी ने 2015 में कुरैशी के खिलाफ विदेशी विनिमय प्रबंध कानून यानि फेमा के तहत अपनी जांच शुरू की है. ईडी की जांच आयकर विभाग की तरफ से दिए गए दस्तावेजों के आधार पर शुरू हुई थी. इन दस्तावेजों में मीट व्यापारी मोईन कुरैशी और उसकी कंपनियों के हवाला कारोबार में संलिप्तता और फेमा कानून के उल्लंघन में शामिल होने के संकेत मिले थे.

इससे पहले बुधवार को मीट व्यापारी मोईन कुरैशी ने अपनी गिरफ्तारी को हाई कोर्ट मे चुनौती दी थी. मोइन कुरैशी ने हाई कोर्ट के भीतर अपनी याचिका में कहा था कि ईडी ने उनसे बिना कोई लिखित कारण बताए बिना ही गिरफ्तारी की है. ऐसा कानूनी रूप से गलत है. मोईन की गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में इडी ने दलील देते हुए कहा था की मोईन कुरैशी को लेकर ईडी ने 15 मार्च 2017 को मामला दर्ज किया था. मोईन कुरैशी लगातार ईडी के रडार पर था. ईडी ने मोईन कुरैशी के मोबाइल और बीबीएम मैसेज की डीटेल भी निकाले हैं. जिसमें यह पता लगाना है कि हवाला का पैसा कहां-कहां भेजा गया है. ईडी ने कुरैशी के कंप्यूटरों से14 हार्ड डिस्क भी जब्त किए हैं.

कोर्ट में ईडी ने यह भी कहा था है कि मोईन के संपर्क कई बड़े लोग और हवाला कारोबारियों से हैं. मोईन की मनी लॉड्रिंग एक्ट के तहत गिरफ्तारी हुई है. मोइन पर सीबीआई में कई संवेदनशील मामलों में डील कराने का आरोप है. डील कराने के बदले मोईन पर पैसे लेने का आरोप भी है. सीबीआई के पूर्व निदेशक एपी सिंह भी मोईन के साथ आरोपी बनाए गए हैं. ईडी मोइन के खिलाफ फेमा और पीएमएलए दोनों के तहत जांच कर रहा है. आपको बता दें कि पिछले साल अक्टूबर में दिल्ली हाई कोर्ट ने मोईन की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इंकार करते हुए उन्हें ईडी के सामने पेश होने को कहा था.

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