
राकेश अस्थाना से जुड़ी जांच पूरी न होने को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो(सीबीआई) को कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा है कि अस्थाना से जुड़ी जांच अगर 3 हफ्ते के भीतर सीबीआई ने पूरी नहीं की तो सीबीआई डायरेक्टर को कोर्ट तलब कर रहा है. कोर्ट ने कहा कि अगर 3 हफ्ते के भीतर सीबीआई कोर्ट में अपनी जांच रिपोर्ट सौंप देती है तो सीबीआई डायरेक्टर को आने की जरूरत नहीं होगी.
कोर्ट ने कहा कि लगभग 1 साल का वक्त पूरा होने को है और हर बार सीबीआई कुछ और महीनों का वक्त जांच पूरा करने को लेकर मांगती आई है. लेकिन अब इस मामले में कोर्ट और समय जांच पूरी करने के लिए नहीं दे सकता. दरअसल यह मामला सीबीआई में नंबर दो की पोजीशन पर रहे पूर्व स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़ा हुआ है.
इसमें सीबीआई ने खुद राकेश अस्थाना पर एफआईआर दर्ज की थी. उस समय सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा थे. दरअसल सीबीआई ने स्पेशल डायरेक्टर रहे राकेश अस्थाना और डीएसपी देवेंद्र कुमार समेत दो अन्य लोगों के खिलाफ 2017 से 2018 के बीच में मोइन कुरैशी से रिश्वत लेने के मामले में एफ आई आर दर्ज की थी.
अब तक केवल 50 फीसदी जांच पूरी
सीबीआई ने आज कोर्ट को बताया कि राकेश अस्थाना से जुड़ी जांच में 8 स्टेज है, जिसमें से 4 स्टेज जांच के पूरे हो चुके हैं. यानी कि पिछले 1 साल में सीबीआई इस मामले में सिर्फ अपनी जांच 50 फ़ीसदी की पूरी कर पाई है. ऐसे में बाकी की 50 फ़ीसदी जांच क्या तीन हफ्तों में पूरा करना सीबीआई के लिए संभव होगा.
सवाल यह भी है कि आप ना तो सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा है और ना ही राकेश अस्थाना सीबीआई में तैनात है तो ऐसे में अपने ही पूर्व कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में दर्ज की गई एफआईआर पर पर सीबीआई की अपनी रिपोर्ट क्या होगी.
क्या है राकेश अस्थाना पर आरोप?
राकेश अस्थाना और बाकी के जूनियर सीबीआई अधिकारियों पर यह आरोप लगाया गया कि उन्होंने मोइन कुरैशी से कम से कम 5 बार रिश्वत ली. पिछले साल जनवरी में दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में सीबीआई को 10 हफ्तों के भीतर राकेश अस्थाना और बाकी अन्य आरोपियों के खिलाफ जांच पूरी करके सीलबंद लिफाफे में देने के निर्देश दिए थे.
सीबीआई 1 साल बीतने के बाद भी लगातार कोर्ट से समय मांगती आ रही थी. लेकिन आज जैसे कोर्ट के सब्र का बांध टूट गया और कोर्ट ने साफ कर दिया कि 3 हफ्ते के भीतर अगर जांच पूरी नहीं हुई तो खुद सीबीआई डायरेक्टर कोर्ट में पेश हो. दिल्ली हाईकोर्ट अब इस मामले में अगली सुनवाई 10 फरवरी को करेगा.