
केंद्र सरकार ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारी सतीश डागर की स्वैच्छिक रिटायरमेंट की मांग को खारिज कर दिया है. केंद्र सरकार ने सतीश डागर से कहा है कि स्वैच्छिक रिटायरमेंट के लिए फरवरी 2020 के बाद अप्लाई करें, फिर विचार किया जाएगा. सतीश डागर ही सीबीआई के पूर्व डायरेक्टर राकेश अस्थाना मामले की जांच कर रहे हैं.
बता दें कि एसपी सतीश डागर को तब नियुक्त किया गया था जब आलोक वर्मा को अक्टूबर 2018 में छुट्टी पर भेजा गया था. तब सूत्रों ने बताया था कि सतीश डागर ने अगस्त के अंतिम सप्ताह में ही वीआरएस सौंप दिया था जिसे स्वीकार नहीं किया गया था. सीबीआई डायरेक्टर आरके शुक्ला ने उनके वीआरएस को स्वीकार नहीं किया था.
इस तरह मिली जांच की जिम्मेदारी
अक्टूबर, 2018 में केंद्र सरकार ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजने के साथ ही एजेंसी के 13 अन्य अधिकारियों का भी तबादला कर दिया था. इस कदम के साथ केंद्र ने सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ रिश्वतखोरी के मामले की जांच कर रहे लगभग सभी अधिकारियों को हटा दिया था.
इसके बाद पुलिस अधीक्षक सतीश डागर, उपमहानिरीक्षक तरुण गौबा और संयुक्त निदेशक वी. मुरुगेसन को अस्थाना के खिलाफ दर्ज केस की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.
जिन 13 सीबीआई अधिकारियों का तबादला किया गया था, उसमें अस्थाना के खिलाफ आरोपों की जांच कर रहे पुलिस उपाधीक्षक अजय कुमार बस्सी भी शामिल थे. उनके अलावा अस्थाना के विरुद्ध जांच कर रहे सीबीआई के एसी-3 इकाई के सुपरवाइजरी पुलिस अधीक्षक एस.एस. गुरम को भी तत्काल प्रभाव से मध्यप्रदेश के जबलपुर स्थानांतरित कर दिया गया था.
संयुक्त निदेशक (पॉलिसी) अरुण कुमार शर्मा से भ्रष्टाचार रोधी प्रमुख का प्रभार छीन लिया गया था. वहीं अस्थाना के विरुद्ध जांच की अगुवाई कर रहे उपमहानिरीक्षक मनोज सिन्हा को नागपुर स्थानांतरित कर दिया गया था.