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पानी को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को लगाई फटकार

दरअसल कच्ची नहर से जो पानी बर्बाद होता है वह दिल्ली की जरूरत है. मई जून में वैसे भी दिल्ली मे ख़ास तौर पर लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ता है.

दिल्‍ली हाई कोर्ट दिल्‍ली हाई कोर्ट
रणविजय सिंह/पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 10 मई 2018,
  • अपडेटेड 11:33 PM IST

दिल्ली हाई कोर्ट ने हरियाणा से दिल्ली को मिलने वाले पानी की बर्बादी रोकने के लिए कच्ची नहर की मरम्मत न करवाने पर हरियाणा सरकार को फटकार लगाई है. एक्टिंग चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी. हरि शंकर की बेंच ने अभी तक मरम्मत कार्य के लिए टेंडर न होने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उनके पिछले कई आदेशों के बाद भी अब तक सिविक एजेंसियों ने काम शुरू नहीं किया है, यह बेहद गंभीर बात है.

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दरअसल कच्ची नहर से जो पानी बर्बाद होता है वह दिल्ली की जरूरत है. मई जून में वैसे भी दिल्ली मे ख़ास तौर पर लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ता है. दिल्ली हाईकोर्ट ने अब 15 जून तक कच्ची नहर की मरम्मत खत्म करने का निर्देश दिया है.

हरियाणा सरकार ने सुनवाई के दौरान कहा कि अभी तक हमने दिल्ली जल बोर्ड द्वारा दिए पैसे कैश नहीं किए हैं. क्योंकि इससे पहले उनके साथ एक एमओयू पर साइन होने हैं. इस बात का विरोध करते हुए जल बोर्ड ने कहा कि ऐसा कोई एमओयू साइन नहीं होना होता. 15 जून तक मॉनसून आ जाएगा, इससे पहले मरम्मत हो जानी चाहिए.

दिल्ली जल बोर्ड ने हाई कोर्ट को बताया है कि उन्होंने हरियाणा सरकार को 28.16 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है. बावजूद इसके हरियाणा सरकार ने दिल्ली को मिलने वाले पानी की बर्बादी रोकने के लिए कच्ची नहर की मरम्मत का काम अब तक शुरू नहीं किया है.

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हाई कोर्ट ने 13 मार्च को हरियाणा सरकार को पानी की बर्बादी रोकने के लिए कच्ची नहर का मरम्मत का काम शुरू करने का आदेश दिया था. साथ ही दिल्ली सरकार को इसके बदले में हरियाणा को पैसे का भुगतान करने का आदेश दिया था. पैसा तो कोर्ट के आदेश पर दिल्ली ने हरियाणा को दे दिया लेकिन काम अब तक शूरू न होने से पानी की बर्बादी अभी तक नहीं रुक सकी है.

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