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राष्ट्रपति को भी नहीं मिल रहा पानी, दिल्ली में जलस्तर की स्थिति गंभीर: SC

मंगलवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि स्थिति कितनी गंभीर है, हम ये समझ नहीं पा रहे हैं. ना ही कोई इसे गंभीरता से ले रहा है, भूमिगत जल का अत्याधिक दोहन हो रहा है. कोर्ट ने कहा कि आप विश्वयुद्ध की बात छोड़ो, दिल्ली में पानी के लिए ही वॉर शुरू हो जाएगा.

पानी की समस्या पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता (प्रतीकात्मक तस्वीर, Getty) पानी की समस्या पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता (प्रतीकात्मक तस्वीर, Getty)
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 08 मई 2018,
  • अपडेटेड 1:51 PM IST

राजधानी दिल्ली में पानी की समस्या को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि दिल्ली में ग्राउंड वाटर की स्थिति काफी चिंताजनक और गंभीर है. कोर्ट ने कहा है कि पानी का स्तर इतना नीचे चला गया है कि हम राष्ट्रपति को भी पानी मुहैया नहीं करा पा रहे हैं.

पानी के लिए छिड़ जाएगी वॉर!

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मंगलवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि स्थिति कितनी गंभीर है, हम ये समझ नहीं पा रहे हैं. ना ही कोई इसे गंभीरता से ले रहा है, भूमिगत जल का अत्याधिक दोहन हो रहा है. कोर्ट ने कहा कि आप विश्वयुद्ध की बात छोड़ो, दिल्ली में पानी के लिए ही वॉर शुरू हो जाएगा.

दरअसल, भूमिगत पानी को लेकर केंद्र सरकार ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की. केंद्र ने अपनी रिपोर्ट में माना है कि दिल्ली में ग्राउंड वाटर की स्थिति काफी गंभीर है. यहां तक कि राष्ट्रपति भवन के पास भी पानी की कमी है और जल स्तर काफी नीचे है. कोर्ट ने अब इस मामले में दिल्ली सरकार, वाटर रिसोर्स से रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. अब मामले की अगली सुनवाई 15 मई को होगी.

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कई राज्यों में है पानी का संकट

आपको बता दें कि हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें देशभर में पानी की स्थिति पर चिंताओं को दर्शाया गया था. केंद्रीय भूजल बोर्ड (CGWB) के पिछले आकलन रिपोर्ट के अनुसार देश के 6,584 ब्लॉक में सर्वे करने पर पता चला कि इनमें से 1,034 ब्लॉक में भूजल का जरूरत से ज्यादा दोहन हो चुका है

राजस्थान में आकलन किए गए 248 ब्लॉक में से 66 फीसदी अतिशय दोहन वाले दायरे में हैं. इसके बाद दिल्ली (56%) का स्थान है. गौरतलब है कि देश में सिंचाई जरूरत का 60 फीसदी हिस्सा, पेयजल जरूरत का 85 फीसदी हिस्सा और शहरी जल जरूरतों का करीब 50 फीसदी हिस्सा भूजल से आता है.

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