
मॉल और निजी हॉस्पिटल में चल रही पार्किंग पर साउथ एमसीडी को दिल्ली हाई कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. इसके साथ ही कोर्ट ने 4 हफ्ते में जवाब भी मांगा है. हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है कि 2015 में साउथ एमसीडी ने मॉल और हॉस्पिटल में फ्री पार्किंग का नोटिफिकेशन जारी किया था, लेकिन उस पर अमल अब तक नहीं हुआ. लोगों को आज भी अपनी जेब से पार्किंग के पैसे भरने पड़ रहे हैं.
2015 में जारी किया गया था नोटिफिकेशन
दिल्ली हाई कोर्ट में लगाई गई एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने साउथ एमसीडी को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में यह बताने के लिए कहा है कि 2015 के उस नोटिफिकेशन पर अब तक काम क्यों नहीं किया गया, जिसमें मॉल और प्राइवेट अस्पतालों पर फ्री पार्किंग देने का आदेश दिया गया था. याचिका में कहा गया है कि 2015 के नोटिफिकेशन के बाद अभी भी मॉल और प्राइवेट अस्पताल मनमानी पार्किंग चार्ज साउथ दिल्ली में वसूल रहे हैं. इसको रोकने के लिए साउथ एमसीडी ने अब तक किसी भी मॉल या हॉस्पिटल के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है.
साउथ दिल्ली नगर निगम पर कार्रवाई ना करने का आरोप
दरअसल पूरा मामला ये है कि साल 2015 में साउथ एमसीडी ने पब्लिक नोटिस जारी कर साउथ दिल्ली के तमाम मॉल और निजी अस्पतालों में पार्किंग फ्री करने की घोषणा की थी. लेकिन दो साल बीत जाने के बाद भी दिल्ली वालों को प्रति घंटे के हिसाब से पार्किंग शुल्क अदा करना पड़ रहा है. कोर्ट ने चार हफ्तों में साउथ एमसीडी को अपनी स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया है. इस मामले को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ता संजय पुरी की मानें तो अवैध रूप से पार्किंग शुल्क वसूलने वाले हॉस्पिटल और मॉल के खिलाफ साउथ दिल्ली नगर निगम ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है, जिससे ये जाहिर होता है कि अवैध रूप से चल रहा पार्किंग का धंधा निगम की मिली भगत से ही चल रहा है.
दो साल से पार्किंग में करोड़ों के घपले का आरोप
याचिका लगाने वाले संजय पुरी के मुताबिक उन्होंने तमाम आरटीआई से यह जानकारी जुटाई है कि मॉल और हॉस्पिटल के खिलाफ कभी कोई नोटिस तक जारी नहीं किया गया, जबकि निगम को इस बात की पूरी जानकारी है कि उसके नोटिफिकेशन लागू करने के बाद भी शॉपिंग मॉल और प्राइवेट हॉस्पिटल इस का खुला उल्लंघन कर रहे हैं और जनता से पार्किंग के पैसे वसूल रहे हैं, जो उन्हें नियम के हिसाब से फ्री मिलनी चाहिए. याचिकाकर्ता का कहना है कि पिछले 2 साल से वसूले जा रही पार्किंग में करोड़ों का घपला हुआ है, जिसकी जांच की जरूरत है.