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दिल्ली HC ने वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक से पूछा- कार्ड पेमेंट पर सरचार्ज क्यों?

डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड से भुगतान पर लगने वाले सरचार्ज के खिलाफ याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने गंभीर रुख अख्तियार किया है. मंगलवार को कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा है. केंद्रीय वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को नोटिस भेजकर 19 अगस्त तक जवाब देने के लिए कहा है.

कार्ड से भुगतान पर लगता है 2.5 फीसदी तक सरचार्ज कार्ड से भुगतान पर लगता है 2.5 फीसदी तक सरचार्ज
केशव कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 17 मई 2016,
  • अपडेटेड 8:23 PM IST

डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड से भुगतान पर लगने वाले सरचार्ज के खिलाफ याचिका पर हाई कोर्ट ने गंभीर रुख अख्तियार किया है. मंगलवार को कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा. हाई कोर्ट ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को नोटिस भेजकर 19 अगस्त तक जवाब देने के लिए कहा है.

कार्ड से भुगतान पर वसूलते हैं 2.5 फीसदी तक सरचार्ज
कोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार की रोक के बावजूद डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड से भुगतान पर सरचार्ज लिए जा रहे हैं. इसमें कहा गया है कि अभी भी खुदरा दुकानदार कार्ड से भुगतान करने पर 2.5 फीसदी तक सरचार्ज वसूलते हैं. नगद भुगतान पर इस तरह का कोई सरचार्ज नहीं लिया जाता है.

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गैरकानूनी सरचार्ज रोकने के लिए बने गाइडलाइन
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जी. रोहिणी और जस्टिस जयंत नाथ की बेंच ने एडवोकेट अमित साहनी की ओर से दायर की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए वित्त मंत्रालय और और आरबीआई से शपथपत्र देकर अपना पक्ष रखने के लिए कहा है. बेंच ने कहा कि केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक के शपथपत्र देने के बाद कार्ड से भुगतान पर गैरकानूनी सरचार्ज को रोकने के लिए गाइडलाइन तैयार करें.

काला धन पर लगाम लगाने में होगी मुश्किल
याचिकाकर्ता ने बताया कि देशभर में कार्ड से भुगतान को बढ़ावा दिया जा रहा है. ऐसे हालत में गैरकानूनी सरचार्ज से काला धन को बढ़ावा मिलेगा. इसकी वजह से आर्थिक लेनदेन की पारदर्शिता भी प्रभावित होगी. उन्होंने कहा कि रिटेलर्स अपने फायदे के लिए इसका बेजा इस्तेमाल करते हैं. इससे सरकार की बेतर कोशिशों को भी धक्का लगता है.

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