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एमसीडी को सौंपा जाए दिल्ली जल बोर्ड: तिलकराज कटारिया

तिलाकराज कटारिया ने मांग की है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243 (W) के प्रावधानों के अनुपालन में घरेलू, औद्योगिक और वाणिज्यिक इस्तेमाल के लिए पानी सप्लाई का काम दिल्ली जल बोर्ड से लेकर एमसीडी को सौंप दिया जाए.

तिलकराज कटारिया तिलकराज कटारिया
अजीत तिवारी/रवीश पाल सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 23 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 9:52 PM IST

दिल्ली के नॉर्थ एमसीडी में स्थाई समिति अध्यक्ष तिलकराज कटारिया ने मांग की है कि बिना देर किए दिल्ली जल बोर्ड को एमसीडी को सौंपा जाए. कटारिया ने भारतीय संविधान का हवाला देते हुए सोमवार को ये मांग की.

तिलाकराज कटारिया ने मांग की है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243 (W) के प्रावधानों के अनुपालन में घरेलू, औद्योगिक और वाणिज्यिक इस्तेमाल के लिए पानी सप्लाई का काम दिल्ली जल बोर्ड से लेकर एमसीडी को सौंप दिया जाए. कटारिया ने प्राइवेट बोरवेलों की सीलिंग करने के साथ दिल्ली जल बोर्ड द्वारा सैकडों नए बोरवेल बनाने की योजना को अतार्किक बताते हुए कहा है कि यदि प्राइवेट बोरवेलों से भूजल स्तर नीचे जा रहा है तो क्या वही भूजल स्तर जल बोर्ड के नए बोरवेलों से नीचे नहीं जाएगा?

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कटारिया ने कहा है कि दिल्ली में पीने के पानी की कमी दूर करने के लिए एकमात्र हल यही प्रतीत होता है कि प्राइवेट बोरवेलों में अलग मीटर लगाकर इन्हें रेगुलराइज किया जाए. इसके अलावा तिलकराज कटारिया ने मांग की है कि वर्तमान निर्धारित शुल्क को तो कम किया ही जाए और इनकी सीलिंग बंद की जाए.

उन्होंने कहा है कि प्रस्ताव पर अमल करने से दिल्ली जल बोर्ड की सैकडों नए बोरवेल बनाने की योजना की संख्या में काफी कटौती होगी. इससे दिल्ली जल बोर्ड का खर्चा भी बचेगा और भूजल स्तर के नीचे जाने की समस्या पर भी रोक लग सकेगी.

कटारिया ने मांग की है कि शालीमार बाग इलाके के रहने वाले लोग पीने के पानी की कमी से जूझ रहे हैं और उसका स्थायी हल यह है कि यहां पर इसके लिए जरूरत के मुताबिक एक अंडरग्राउंड रिजर्ववायर का निर्माण किया जाए.

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इसके अलावा कटारिया ने कहा कि दिल्ली सरकार दूसरे राज्यों पर पानी की कम सप्लाई का आरोप लगाने की बजाय अगर पीने के पानी की चोरी रोक ले और पानी माफिया पर लगाम लगाने के अलावा पाइप लाइनों की मरमम्त कर ले तो दिल्ली की बड़ी आबादी को पीने का पानी दिया जा सकेगा. क्योंकि इसके कारण दिल्ली में पानी की सप्लाई का एक बड़ा हिस्सा बर्बाद हो जाता है.

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