
दिल्ली के जामिया इलाके में हुई फायरिंग पर विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर हमलावर हैं. वहीं, दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में आए बीजेपी सांसद परवेश वर्मा ने इस घटना पर चुप्पी साध ली है. चुनाव आयोग ने भड़काऊ भाषण देने के आरोप में कार्रवाई की है और उन्हें स्टार कैंपेनर लिस्ट से बाहर करने का आदेश दिया है. उनके प्रचार पर 72 घंटे की पाबंदी लगाई है.
'आजतक' ने गुरुवार को जामिया की घटना पर उनसे सवाल किया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. परवेश वर्मा अपने घर पर समर्थकों से मुलाकात कर रहे थे, लेकिन उन्होंने जामिया की घटना पर कोई जवाब नहीं दिया. वे मुस्कुरा कर, नमस्ते करते हुए निकल गए. चुनाव प्रचार पर 72 घंटे की पाबंदी के बाद पश्चिमी दिल्ली के सांसद परवेश वर्मा ने मीडिया से बात करने पर खुद से ही पाबंदी लगा ली है. हालांकि, वे अपने क्षेत्र के किसानों और कार्यकर्ताओं से लगातार अपने सरकारी आवास पर मिल रहे हैं. पाबंदी की शेष अवधि वे देवस्थानों के दर्शन और कीर्तन आदि में शामिल होने की प्लानिंग में जुटे हैं.
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क्या है मामला?
निर्वाचन आयोग ने बुधवार को बीजेपी के प्रचारकों की सूची से केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और सांसद परवेश वर्मा को तत्काल हटाने का आदेश दिया था. आयोग ने आदर्श आचार संहिता और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 का उल्लंघन करने के मामले में वर्मा और ठाकुर को नोटिस भेजा है. दिल्ली चुनाव कार्यालय ने मंगलवार को चुनाव आयोग को बीजेपी के स्टार प्रचारकों -वर्मा और ठाकुर- की ओर से आदर्श आचार संहिता का संदिग्ध उल्लंघन किए जाने पर अपनी रिपोर्ट दाखिल की थी.
रिपोर्ट में वर्मा के शाहीन बाग पर बयान देने और धर्मस्थलों से संबंधित उनके ट्वीट के साथ-साथ एक जनसभा में ठाकुर के 'गोली मारो गद्दारों को' बयान का जिक्र किया गया था. वर्मा ने कहा था कि राजधानी में लगभग 500 स्थानों पर सरकारी संपत्ति पर मस्जिद और कब्रिस्तान के साथ-साथ हॉस्पिटल और स्कूल बने हैं. उन्होंने कहा कि ये अवैध इमारतें दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और दिल्ली जल बोर्ड और अन्य सरकारी एजेंसियों की हैं.
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