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दिल्ली सरकार शीतकालीन सत्र में जन लोकपाल बिल पेश करने जा रही है. डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बुधवार को कहा कि जन लोकपाल बिल इसी सत्र में लाया जाएगा. इसके साथ ही सिटीजन चार्टर को भी सदन में पेश किया जाएगा, जिसमें काम की समय-सीमा तय होगी.
सिसोदिया ने बताया कि कैबिनेट मीटिंग में फैसला लिया गया है कि जन लोकपाल बिल उत्तराखंड में 2011 में लाए गए लोकायुक्त बिल की तरह होगा. इसके अंतरगत मुख्यमंत्री कार्यालय भी होगा.
सरकार नहीं करेगी काम में हस्तक्षेप
जन लोकपाल बिल के तहत किसी भी मामले की जांच के लिए छह महीने का वक्त होगा और मामले की सुनवाई के लिए भी छह महीने दिए जाएंगे. लोकायुक्त की नियुक्ति के बाद सरकार उनके किसी भी काम में हस्तक्षेप नहीं करेगी. CAG ऑडिट भी कराया जा सकेगा.
सिसोदिया ने कहा कि किसी भी मामले की जांच के लिए समय-सीमा तय हो जाने से उसमें किसी तरह कि ढिलाई नहीं हो पाएगी और समय पर काम पूरा होगा.