
पहले नोटबंदी की मार और अब जीएसटी आने के बाद से देश के कई बाजारों में व्यापारियों में चिंता का माहौल है. दिल्ली के दिल में बसे करोल बाग के 'मिनी चाइना मार्केट' के नाम से जाने जाने वाले गफ्फार मार्केट में भी जीएसटी आने के बाद सन्नाटा पसरा हुआ है. ज्यादातर दुकानों में काम ठप पड़ा है. गफ्फार मार्केट में चीनी मोबाइल फोन और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक सामान की बिक्री सबसे ज्यादा होती है. ज्यादातर दुकानदारों का कहना है कि जीएसटी के बाद काम धंधा सुस्त पड़ गया है. वहीं कई दुकानदार मोदी सरकार के इस कदम के साथ हैं.
गफ्फार मार्केट में वायरलेस फोन बेचने वाले महेंद्र चोपड़ा ने आजतक से बातचीत में कहा, 'हम ज्यादातर सामान बैठकर बिल के साथ भेजते हैं, लेकिन इस समय बाजार में कोई खरीददार नहीं है. उनको पता नहीं है कि जीएसटी क्या है? ग्राहक बाजार में नहीं है. खरीद फरोख्त अभी बिल्कुल रुका हुआ है. हालांकि इनके बगल में ही कलकुलेटर की दुकान चलाने वाले मोदी सरकार के साथ खड़े हैं और जीएसटी का समर्थन करते हैं. इनका कहना है कि बहुत अच्छा काम हुआ है. कोई गलत काम नहीं हुआ है. हम बहुत खुश हैं. इससे कोई नुकसान नहीं है. जीएसटी से सबको फायदा है.
गफ्फार मार्केट में मोबाइल की दुकान चलाने वाले रमन ठाकुर ने कहा, 'जो हमारी सरकार ने फैसला लिया है. वह सोच समझकर लिया है और मोदी सरकार वास्तव में पहले की सरकार से बहुत बढ़िया है. जो फैसला ले रहे हैं, वह बहुत अच्छा ले रहे हैं और देश के हित में है. ठाकुर ने कहा कि इसमें हम लोगों को साथ देना चाहिए. कामकाज पर अभी तक कोई असर नहीं पड़ा है. जब वैट आया था, उस टाइम भी हंगामा हुआ था. नोटबंदी में भी हंगामा हुआ था. फिर कामकाज कुछ दिन में जैसा था, वैसा हो जाएगा. वक्त के साथ सब कुछ ठीक हो जाएगा. हालांकि कई सारे व्यापारी ऐसे हैं, जो जीएसटी से वाकई परेशान हैं और उनकी परेशानियां वाजी भी हैं. इन व्यापारियों का कहना है कि अभी तक जीएसटी का ना ही नंबर मिला है और ना ही जीएसटी की वेबसाइट ठीक से काम कर रही है. इसके चलते खरीद फरोख्त पूरी तरह से ठप है.
मोबाइल और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक सामान बेचने वाले चरनजीत ने जीएसटी व्यापारियों के कामकाज पर होने वाले असर पर बात करते हुए कहा कि अभी तो बहुत फर्क पड़ेगा और काम धंधे पर पहले ही फर्क पड़ चुका है. काम जीरो हो चुका है. काम कुछ भी नहीं है. अभी देखेंगे कि आगे कैसे चलता है? हमें यह दिक्कत है कि पीछे से माल नहीं आ रहा है. ऐसे में माल कैसे खरीदेंगे? कई व्यापारियों को यह नहीं पता है कि जीएसटी लागू कैसे होगा और उसके तहत बिक्री और खरीद कैसे की जाएगी?
चरणजीत कहते हैं कि जीएसटी के बारे में पता नहीं है कि कैसे लागू होगा? हमें इसके बारे में कुछ भी नहीं पता है और कैसे हमारा सामान आएगा? बाद में देखेंगे कि कैसे बेचना है. अभी जो ग्राहक आ रहे हैं, उनको उलझन है कि कैसे सामान खरीदें? अभी हमारा जीएसटी नंबर आया ही नहीं है. अभी तक प्रोसीजर में है. इसलिए अभी तक हम कुछ माल बेच नहीं पा रहे हैं. जब से जीएसटी लागू हुआ है, हमने 2000 रुपये का भी माल नहीं बेचा है. गफ्फार मार्केट व्यापारी एसोसिएशन के कार्यकारी सदस्य योगेश कुमार ने आजतक से बातचीत में जीएसटी के बाद व्यापारियों के दर्द को साझा किया.
योगेश ने कहा कि नोटबंदी के बाद से बाजार में पहले से ही थोड़ी सुस्ती है. ग्राहकों की खरीदने की शक्ति कम हो चुकी है. जीएसटी को लेकर अभी तक बहुत चीजों पर स्पष्टीकरण नहीं है. हालांकि कई व्यापारी जीएसटी को इस सदी का सबसे बड़ा रिफॉर्म मानते हैं. योगेश कुमार ने कहा, 'यह सदी का सबसे बड़ा रिफार्म है. मोदी की जो सोच है, वह दूरदर्शी है, लेकिन अभी व्यापारियों को बहुत सारी चीजें साफ नहीं है. शायद उसके कारण व्यापारी अभी तक बहुत सारी चीजों को समझ नहीं पा रहे हैं. मेरा मानना है कि आने वाले दिनों में कुछ चीजें साफ होती जाएंगी और व्यापारियों को सहजता से समझ आ जाएगी. असमंजस की स्थिति अभी बनी पड़ी है. कुछ दिन के लिए व्यापार में हल्कापन आएगा. देश के व्यापारी नोटबंदी के असर से अभी तक जूझ रहे हैं और ऐसे में जीएसटी के लागू होने से व्यापारियों में असमंजस का माहौल है. ऐसे असमंजस का सीधा असर उनके व्यापार पर पड़ रहा है.